सीबीएसई-आईसीएसई बोर्ड परीक्षा 2023 काउंटडाउन शुरू है. जैसे-जैसे परीक्षा की तिथि पास आ रही है, स्टूडेंट्स ज्यादा से ज्यादा समय पढ़ाई पर दे रहे हैं. स्टूडेंट्स एग्जाम में ज्यादा से ज्यादा स्कोर करने की तैयारी में लगे हैं. बच्चों की पढ़ाई और उनकी तैयारी को लेकर पैरेंट्स भी कम जद्दोजहद नहीं कर रहे हैं. पढ़ाई और एग्जाम की तैयारी के दौरान बच्चे नर्भस न हों, इसे लेकर स्कूल टीचर्स उन्हें टिप्स भी दे रहे हैं. कुछ स्कूल प्रबंधन बच्चों के साथ ही काउंसलिंग भी कर रहे हैं. बच्चों को परीक्षा की तैयारी कैसे करें, इसकी जानकारियां भी दे रहे हैं. बच्चों को एग्जाम की तैयारी के दौरान कूल माइंडेड होकर तैयारी करने और परीक्षा में शामिल होने की सलाह दी जा रही है. शुभम संदेश की पहल पर स्कूलों के प्राचार्य और शिक्षकों ने बच्चों को बोर्ड एग्जाम के टिप्स दिए हैं. जिसमेें ज्यादातर शिक्षकों ने रिवीजन जरूरी बताया हैै. साथ ही उन्होंने साझा किया कि बच्चे परीक्षा की तैयारी कैसे करें, कैसे प्रश्नों को साल्व करें, परीक्षा के दौरान कौन-कौन सी सावधानियां बरतें…
सैंपल पेपर समय तय कर सॉल्व करें
डीपीएस के प्रिंसिपल डॉ राम सिंह ने कहा कि परीक्षा के लिए टाइम मैनेजमेंट पर फोकस करना जरूरी है. परीक्षा के लिए अभी बहुत ही कम समय बचा हैं. बच्चे इस समय जितने सैंपल पेपर हैं उसको सॉल्व करें और सैंपल पेपर सॉल्व करने में चार-पांच घंटे लगाने की जरूरत नहीं है. सैंपल पेपर एग्जाम की तरह ही एक निर्धारित समय पर तय कर सॉल्व करें. अब बच्चों का समय सोचने का नहीं है. इस समय बच्चों का ध्यान भटकाने का जो काम करता है वह मोबाइल और इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स है. मेरी सलाह में बच्चों को मोबाइल और गैजेट से दूर रहना चाहिए. एग्जामिनेशन हॉल में बच्चो को जो पहले 15 मिनट मिलते हैं उसमें वह प्रश्न पढ़ने पर ध्यान दें.
परीक्षा में आत्मविश्वास बनाए रखना ही ज्यादा जरूरी है
परियोजना प्लस टू हाई स्कूल चरही के गणित और भौतिकी के शिक्षक शशि प्रकाश कहते हैं कि परीक्षा में आत्मविश्ववास बनाए रखें. एक्जाम फोबिया को दूर करें. अगर आपने वर्षभर ईमानदारी से पढ़ाई की है, तो आपको स्कोरिंग में कोई परेशानी नहीं होगी. बस रिवीजन और अभ्यास करते रहें. यही आपको बेहतर सफलता दिलाएगी.
डिस्कशन और रिवीजन दोनों जरूरी है
हजारीबाग के ग्रीन गोल्ड पब्लिक स्कूल की मैथ टीचर मुनिता मेहता कहती हैं कि डिस्कशन और रिवीजन दोनों जरूरी है. अब नया अध्याय उठाने से लाभ नहीं मिलनेवाला है. अब तक पढ़े हुए अध्याय का रिवीजन करें और कंटेंट के लिए आपस में सहपाठियों के साथ डिस्कशन करें. कोशिश करें कि परीक्षा में उत्तर गलत न हो. अच्छा स्कोर उठाने का प्रयास करें.
नियमित अभ्यास करना ही सफलता का मूल मंत्र है
हजारीबाग के हिन्दू प्लस टू हाई स्कूल के गणित के शिक्षक नवीन कुमार गुप्ता कहते हैं कि मैथ स्कोरिंग सब्जेक्ट है. इसके लिए निरंतर अभ्यास करने की जरूरत है. परीक्षा के अनुसार मॉडल प्रश्नोत्तरी सेट का ज्यादा से ज्यादा अभ्यास करें. ऑब्जेक्टिव प्रश्न सही हल करने के लिए विस्तार से अध्ययन की जरूरत है. अब समय नहीं है, इसलिए सरसरी निगाह जरूर डालें.
ऑब्जेक्टिव पर पकड़ बनाए रखें
हजारीबाग के जिला स्कूल हजारीबाग से सेवानिवृत्त प्लस टू के भौतिकी शिक्षक संत कुमार यादव ने विद्यार्थियों को सलाह दी कि साइंस को भारी नहीं समझें और न ही इस सब्जेक्ट को हल्के में लें. ऑब्जेक्टिव पर पकड़ बनाए रखें. साइंस के डिस्क्रेब्टिव सवालों को जहां तक जानें, अवश्य बनाएं. इसमें हर स्टेप पर स्कोर मिलता है. परीक्षा हॉल जाने के पहले की रात गहरी नींद लें और सुबह तरोताजा होकर परीक्षा देने जाएं.
तीन-तीन सैंपल पेपर पर परीक्षा ली गयी है
बोकारो के रुक्मिणी देवी पब्लिक स्कूल फुसरो की प्राचार्य गीता भारती ने कहा कि तीन-तीन सैंपल पेपर के तहत परीक्षा ली गयी है. जहां कमी देखी गई है, स्पेशल क्लास लिए गए हैं. समय प्रबंधन की तकनीक बताई गई है. इससे बच्चों को काफी सहूलियत मिलती है. इससे उनका कंफिडेस भी बढ़ता है. निर्धारित समय में प्रश्नों का हल कैसे करे इसकी जानकारी विद्यार्थियों को दी जाती है.
बच्चों के बीच ग्रुप डिस्कशन कराया गया
बोकारो के लीला जानकी पब्लिक स्कूल पेटरवार के प्राचार्य अमर प्रसाद ने कहा कि सिलेबस के अनुसार बच्चों को पढ़ाई गया और सैम्पल पेपर पर परीक्षा ली गई . सभी बच्चों पर परीक्षा की तैयारी को लेकर निगरानी रखी गई है. टेस्ट परीक्षा के बाद विद्यार्थियों के बीच प्रश्नपत्र के सवालों के उत्तर पर ग्रुप डिस्कशन कराया गया, ताकि बच्चों को परीक्षा के समय कोई असमंजस की स्थिति का सामना न करना पड़े.
विद्यार्थी ज्यादा से ज्यादा लिखकर अभ्यास करें
हजारीबाग के जिला प्लस टू हाई स्कूल हजारीबाग के प्राचार्य डॉ. विजय कुमार सिंह कहते हैं कि परीक्षार्थी परीक्षा का तनाव नहीं लें. सहज और सरल तरीके से परीक्षा की तैयारी में लगे रहें. स्वस्थ रहें और निरंतर लिखकर अभ्यास करते रहें. कंटेंट पर ज्यादा ध्यान दें. जितनी पढ़ाई करनी थी, दो साल कर ली. अब उसी के रिवीजन का वक्त है. जरूरी है कि अपना आत्मविश्वास बनाए रखें.
स्टूडेंट्स बैलेंस स्टडी, टाइम मैनेजमेंट और रिवीजन पर फोकस करें
राजकमल सरस्वती विद्या मंदिर के प्राचार्य सुमंत कुमार मिश्रा ने टिप्स देते हुए बताया कि अब परीक्षा में काफी कम समय बचा है. अब तीन मूल मंत्र बैलेंस स्टडी, टाइम मैनेजमेंट और रिवीजन पर फोकस करने की आवश्यकता है. इसके साथ ही अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखते हुए रिवीजन वर्क की शुरुआत करें. सभी विषयों को बराबर समय देते हुए फोकस कर तैयारी करें. परीक्षा का टाइम टेबल डिक्लेयर हो चुका है इसलिए अब सीरियसली तैयारी करने की आवश्यकता है. मैथ्स, साइंस व सोशल स्टडी जैसे मुख्य विषयों पर फोकस करें लेकिन ओवरऑल स्कोरिंग के लिए बैलेंस स्टडी की आवश्यकता है. इसलिए अन्य विषयों को इग्नोर न करें.
परीक्षा की तैयारी वहां से शुरू करें, जिस चैप्टर में कॉन्फिडेंस ज्होाा दय
डीएवी कोयलानगर के प्राचार्य एनएन श्रीवास्तव ने कहा कि बच्चों के पास बहुत कम समय बचा है. सबसे पहले विद्यार्थियों को जो चैप्टर आसान लगे और जिस टॉपिक को लेकर उनमें कॉन्फिडेंस हो उसका अध्ययन और रिवीजन शुरू करें, ताकि उनके भीतर कॉन्फिडेंस पैदा हो. ओवरकॉन्फिडेंस में उन चैप्टर्स को बाद के लिए यह सोच कर न छोड़ें कि यह उन्हें आता है. ऐसे ही धीरे-धीरे अपने सिलेबस को पूरा करें. मूलमंत्र यही है कि वे अपनी तैयारी वहां से शुरू करें. जिस चैप्टर में उन्हें कॉन्फिडेंस हो. इससे धीरे-धीरे चीजें आसान होती चली जाएंगी.साथ ही बातों को याद रखने में सहूलियत होती है.
अब ज्यादा स्ट्रेस न लें, विद्यार्थी थ्री ऑवर टेस्ट पर अपना ध्यान कंसन्ट्रेट करें
द्वारिका मेमोरियल फाउंडेशन एकेडमी के प्राचार्य सह सीबीएसई परीक्षा के डिप्टी सिटी कोऑर्डिनेटर मदन कुमार सिंह ने कहा कि विद्यार्थी प्रैक्टिस सेट पेपर या मॉडल टेस्ट पेपर बनाना शुरू करें. थ्री ऑवर्स टेस्ट पर कंसंट्रेट करें, ताकि अपनी कमियों को पहचान कर परीक्षा के दौरान 3 घंटों का सदुपयोग कर सकें. स्कूल में डाउट क्लासेस चल रहे हैं विद्यार्थी संबंधित शिक्षक से मिलकर अपनी समस्याओं को दूर करते रहे. अंत समय में ज्यादा स्ट्रेस न लें. क्योंकि अंत समय में रात दिन पढ़ाई करने से स्वास्थ्य संबंधी समस्या आती है. कोई भी परीक्षा जीवन की अंतिम परीक्षा नहीं है. इसलिए अपनी क्षमता के अनुसार तैयारी करें.
प्रिपरेशन, परफॉर्मेंस और प्रेजेंटेशन पर निर्भर करता है रिजल्ट
डॉ जेके सिन्हा मेमोरियल इंटरनेशनल स्कूल के प्राचार्य डॉ बी जगदीश राव ने बताया कि परीक्षा का रिजल्ट प्रिपरेशन, परफारमेंस और प्रेजेंटेशन पर निर्भर करता है. इसके लिए तैयारी के साथ-साथ टाइम मैनेजमेंट बहुत ही आवश्यक है. परीक्षा के समय और परीक्षा के पूर्व स्ट्रेटजी के अनुसार टाइम मैनेजमेंट बनाकर पढ़ाई करनी चाहिए. परीक्षा के दौरान मिले गैप का भी उपयोग समझदारी से करना चाहिए. जिस टॉपिक की बिल्कुल भी तैयारी ना हो उसे छोड़कर पढ़े हुए टॉपिक के रिवीजन पर ध्यान दें. सीबीएसई का परीक्षा पैटर्न ऐसा है कि वह मार्क्स देना चाहता है बशर्ते की विद्यार्थी कायदे से प्रश्न का उत्तर लिखें.
पूरी नींद लें, टेंशन से दूर रहें, टाइमटेबल सेट कर खूब लिखें, प्रैक्टिस करें
पेपरवाइज एग्जाम की तैयारी के लिए पहले टाइम टेबल बनाएं
दो साल तक कोरोना की वजह से स्टूडेंट्स की लिखने की आदत व किस तरह सवालों के उत्तर लिखने हैं, इसकी शैली लगभग खत्म सी हो गयी है. तो आखिरी के समय में बच्चों को लिख- लिख कर प्रैक्टिस करने की जरूरत है. पेपरवाइज एग्जाम की तैयारी के लिए सबसे पहले टाइम टेबल बनाएं. टाइम टेबल बनाने के दौरान अपने समय का अच्छी तरह से उपयोग करें. पढ़ाई से लेकर आराम करने तक और साथ ही खाने -पीने और सोने तक का टाइम टेबल बनाएं. आखिरी के कुछ दिनो में अलग से कुछ नया पढ़ने की जरूरत नहीं है, बल्कि जितनी पढ़ाई कर ली है, बस उसी का रिवीजन करें.
परफॉर्मेंस एनॉलिसिस करना जरूरी
बोर्ड परीक्षा की तैयारी करते समय परफॉर्मेंस एनॉलिसिस करना बहुत ही जरूरी है. इस एनॉलिसिस से बच्चों को पता चलता है किवे किस सब्जेक्ट के सवालों को साल्किव करने में कितना समय लगा रहे हैं और साथ ही कौन सा सब्जेक्ट उन्हे प्रॉब्लम में डाल सकता है. जिस सब्जेक्ट में प्रॉब्लम आये, उसके सवालों को समयसीम के अंदर साल्व करने की ज्यादा से प्रैक्टिस करने की जरूरत है.
आखिरी के दिनों में स्ट्रेस लेने की जरूरत नहीं,रिवीजन शुरू करें
बोर्ड एग्जाम शुरू होने में बस 10-15 दिन बचे हैं. इस बीच बच्चों पर काफी प्रेशर रहता है. वे सोचते हैं कि ये भी पढ़ लें और वो भी पढ़ लें. पर आखिरी के दिनों में बच्चों को बिलकुल स्ट्रेस नहीं लेना है. उन्हें बस रिवीजन शुरू करना है. जो पहले पढ़ा है, उसी को फिर से सॉल्व करना है. बोर्ड परीक्षा की तैयारी करते समय बहुत सारे बच्चे गलती करते हैं. परीक्षा के टेंशन के कारण वह पूरी नींद नहीं ले पाते. नींद पूरी न होने के कारण वे शारीरिक रूप से बीमार पड़ जाते हैं और साथ ही उनका दिमाग अच्छी तरह के से काम नहीं करता. इसलिए सबसे पहले बोर्ड परीक्षा की तैयारी करते समय 7-8 घंटे तक की अच्छी और पूरी नींद लें.
पिछले साल का सैंपल पेपर सॉल्व करें
बोर्ड परीक्षा की तैयारी करते समय पिछले साल के प्रश्न पत्र को जरूर सॉल्व करें और सीबीएसई ने जो सैंपल पेपर रिलीज किया है, उसे भी बनाएं, ताकि बच्चो को उनकी कैपेबिलिटी का पता लग सके. पिछले साल का पेपर अगर सॉल्व करेंगे, तो उन्हे पता रहेगा कि कौन से चैप्टर से सबसे ज्यादा सवाल पूछे गए हैं.कौन से कांसेप्ट से रिलेटेड सवाल पूछे गए हैं. इससे आइडिया मिल सकता है कि कैसे प्रश्न आ सकते है
सभी सब्जेक्ट पर फोकस करना चाहिए ,लिखकर प्रैक्टिस भी करें
बहुत सारे छात्रों को देखा जाताहै कि उन्हें जिस विषय को पढ़ने में ज्यादा अच्छा लगता है, उसी सब्जेक्ट में अधिक समय देते हैं. लेकिन बोर्ड परीक्षा में अच्छे मार्क्स लाने के लिए यह सिस्टम सही नहीं है. बोर्ड एग्जाम में अब ज्यादा दिन नहीं हैं, सभी छात्रों को सभी सब्जेक्ट पर फोकस करना चाहिए. सभी विषयों पर ध्यान देना जरूरी है, ताकि सभी विषयों में अच्छे अंक प्राप्त हो सकें. रिवीजन ज्यादा करना चाहिए और लिख कर प्रैक्टिस करना चाहिए. इससे परीक्षा में निर्धारित समय पर पेपर कंप्लीट करने में मदद मिलती है. साथ ही पता चलता है कि किसी प्रश्न का जवाब लिखने में कितना समय लगता है.
सुबह के शांत वातावरण में ही पढ़ाई करें
सुबह का वतावरण काफी शांत होता है. पॉजिटिव एनर्जी का एहसास रहता है. सुबह के समय में की गई पढ़ाई पूरे दिन दिमाग में रहती है. सारी चीजें आसानी से याद रहती हैं. इसलिए बचे हुए कुछ दिनो में बिल्कुल स्ट्रेस न लें. टाइम से खाना खाएं और सो जाएं. सुबह उठ कर स्थिर और काम के माहौल में पढ़ाई जरूर करें, ताकि हर सब्जेक्ट में अच्छा स्कोर कर सकें.
बिना किसी तनाव के परीक्षा देना चाहिए
लातेहार के बनवारी साहु महाविद्यालय के प्राचार्य प्रो प्रदीप कुमार तिवारी ने कहा कि परीक्षा का नाम सुनते ही छात्रों में भय हो जाता है. लेकिन ऐसा नहीं होना चाहिए. परीक्षा स्वयं का मूल्याकंन करने का अवसर होता है. बिना किसी तनाव के परीक्षा देना चाहिए. परीक्षा में उन प्रश्नों का हल पहले करें जिन्हें आप जानते हो. सभी प्रश्नों को हल करने के बाद उसे अंत में एक बार जरूर सरसरी निगाहों से देख लें.
अधिक से अधिक लिखने का प्रयास करना बेहतर है
लातेहार के राजकीयकृत प्लस टू के प्रभारी प्राचार्य नरेंद्र पांडेय ने कहा कि आगामी महीने में मैट्रिक व इंटर की परीक्षायें हैं. छात्रों की तैयारी अब अंतिम चरण में होगी. ऐसे में छात्रों को अधिक से अधिक लिखने का प्रयास करना चाहिए. लिखने से उतर याद होते हैं. लिखने अभ्यास रहने से परीक्षा में उतर लिखने में आसानी होती है. छात्रों को परीक्षा का तनाव नहीं लेना चाहिए. जिस प्रश्न के उतर जानते हो उस पहले हल करना चाहिए.
परीक्षा में सबसे बड़ी भूमिका एकाग्रता की होती
लातेहार के ऑल एबाउट कामर्स के संचालक अमित कुमार अग्रवाल ने कहा कि परीक्षा में सबसे बड़ी भूमिका एकाग्रता की होती है. अगर आप परीक्षा में एकाग्र नहीं हैं तो सभी प्रश्नो को हल नहीं कर पायेगें. तनाव में न सिर्फ समय बरबाद होता है वरन प्रश्नो के उतर भी अक्सर गलत हो जाते हैं. प्रश्नो को सही ढंग से पढ़ना चाहिए. कभी-कभी एक से दिखने वाले प्रश्नों के उतर अलग-अलग होते हैं.
छात्रों को होमवर्क और क्लास वर्क देकर तैयारी करायी जा रही है
कोडरमा के झुमरीतिलैया स्थित पथ फाइंडर स्कूल के निदेशक दीपक कुमार ने बताया कि परीक्षा नजदीक आ चुकी है .छात्रों की परीक्षा की तारीख को लेकर स्पेशल क्लास चलाए जा रहे हैं. छात्रों की तैयारी के लिए अलग से होमवर्क और क्लास वर्क दिए जा रहे हैं. छात्रों को स्पेशल टिप्स भी दिए जा रहे हैं.इससे उनका मनोबल काफी बढ़ाता दिखाई दे रहा है.
विशेष क्लास के साथ-साथ स्पेशल टिप्स की भी व्यवस्था
झुमरीतिलैया स्थित विवेकानंद कॉन्वेंट स्कूल के निर्देशक अनिल कुमार ने बताया कि छात्रों के लिए विशेष क्लास के साथ-साथ स्पेशल टिप्स की भी व्यवस्था की गई है. जहां छात्र अपनी और क्लास की पढ़ाई के अलावा उन्हें एक 1 घंटे की अलग क्लास दी जाती है, जो छात्र परीक्षाओं में होने वाली परेशानियों पर विशेष फोकस किया जाता है.
सोशल मीडिया से दूर रहें मैनेजमेंट पर ध्यान दें
जमशेदपुर के सुनील कुमार ( प्रावि महतो पाड़ा सोनारी, जमशेदपुर) कहते हैं कि सोशल मीडिया के एकदम दूर रहें. टाइम मैनेजमेंट पर ध्यान दें. इसके साथ ही विद्यार्थियों को चाहिए कि वे सबसे पहले यह देखें कि वे किस विषय में कमजोर हैं. एक शिड्यूल बना कर वे उस विषय के सवालों का अच्छी तरह रीविजन करें. उसके साथ ही योजनाबद्ध तरीके से अन्य विषयों का भी रीविजन करते रहें.
विषयवार रिवीजन और लिखने का अभ्यास जरुरी
जमशेदपुर के रीना रंजन ( मिथिला उच्च विद्यालय, सोनारी, जमशेदपुर) कहते हैं कि परीक्षा शुरू होने में अब कुछ ही दिन शेष हैं. अतः परीक्षा का काउंटडाउन करने के साथ ही विषयवार रीविजन जरूरी है. सवालों को रिवाइज करने के साथ ही लिखने की प्रैक्टिस भी जरूरी है. इस दौरान लिखने की प्रैक्टिस भी जारी रखें. क्योंकि परीक्षा के दौरान टाइम मैनेजमेंट काफी अहमियत रखता है. योजनाबद्ध तरीके से रीविजन जरूरी है.
छात्र योजनाबद्ध तरीके से सभी विषयों पर ध्यान दें
जमशेदपुर के डॉ अंतरा कुमारी (असिस्टेंट प्रोफेसर, जमशेदपुर को-ऑपरेटिव कॉलेज) कहती हैं कि परीक्षा शुरू होने में अब कुछ ही दिन रह गये हैं. ऐसे में विद्यार्थियों के लिए एक-एक दिन महत्वपूर्ण है. समय गंवाये बगैर उन्हें रीविजन या विषयों को दोहरना चाहिए. इसके लिए हर दिन योजनाबद्ध तरीके और बारी-बारी से सभी विषयों के प्रश्नों को देखना चाहिए.
मॉडल सेट हल के साथ टाइम मैनेजमेंट भी जरूरी
बोकारो के डीएवी पब्लिक स्कूल स्वांग के प्राचार्य सुजीत कुमार शर्मा ने कहा कि विद्यार्थियों को पांच-पांच सेट मॉडल प्रश्नपत्र दिए गए हैं. जिसे हल कर वे विषय से संबंधित शिक्षक के पास जमा करेंगे. जो अंक दिए जाएंगे उस पर विद्यार्थी ग्रुप डिस्कशन करेंगे. साथ ही सीबीएसई बोर्ड भी टॉपर की कॉपी भी मुहैया कराती है. उस कॉपी पर टॉपर द्वारा किस प्रकार प्रश्न का उत्तर लिखा है जिसमें सौ में सौ नंबर मिले हैं, उस तकनीक को बच्चों को बताया गया है.
सैंपल पेपर के जरिए परीक्षा लिखने का अभ्यास कराया
बोकारो के पिट्स मॉडर्न स्कूल गोमिया के प्राचार्य मनोज कुमार उपाध्याय ने कहा कि सैम्पल पेपर के जरिए बच्चों को परीक्षा देने का अभ्यास कराया गया. एक माह पूर्व ही सभी विषयों की तैयारी पूरी करा दी, ताकि उन्हें बोझ न पड़े. परीक्षा के दौरान समय प्रबंधन के गुर सिखाए गए हैं. इससे बच्चों को काफी मदद मिली है. साथ ही उनका कंफिडेंस भी बढ़ा है