Kiriburu : दिनभर के इंतजार के बाद आखिरकार दोपहर दो बजे सारंडा के अत्यंत सुदूरवर्ती गांव काशिया-पेचा के ग्रामीणों को कोरोना वैक्सीन देने के लिए मनोहरपुर से स्वास्थ्य विभाग की टीम मोटरसाइकिल से पहुंची. पहले चाईबासा से एंबुलेंस के जरिए स्वास्थ्य विभाग की टीम को भेजे जाने की बात थी, लेकिन जब वहां से टीम नहीं आई तो आनन-फानन में मनोहरपुर से एक एएनएम और एक स्टाफ को भेजा गया. जिसके कारण टीम दोपहर दो बजे पहुंच सकी, जिसके कारण करीब दो घंटे तक चले टीकाकरण में 80 लोगों को वैक्सीन की पहली डोज दी गई. इन दोनों गांवों में 125 परिवार रहते हैं और किसी ने भी वैक्सीन का पहला डोज भी नहीं लिया था. सड़क की जर्जर हालत के कारण यहां स्वास्थ्य विभाग का वाहन पहुंच नहीं पा रहा था, जिसके कारण वैक्सीनेशन नहीं किया गया था. पिछले दो-तीन दिन से ग्रामीण यहां की सड़क को श्रमदान कर मरम्मत करने में लगे हुए थे ताकि वैक्सीन वाहन को पहुंचने में दिक्कत ना हो.
इंतजार करते-करते ग्रामीण घर लौट गए
दोपहर दो बजे टीम के पहुंचने के कारण ग्रामीण नाराज भी दिखे. सुबह लगभग नौ बजे से सारा काम छोड़कर भूखे-प्यासे वैक्सीन लेने के लिए वे एक जगह जमा होकर टीम के आने का इंतजार कर रहे थे. टीम का इंतजार करते-करते ग्रामीण अपने-अपने घर चले गये. दोपहर दो बजे के बाज जब वैक्सीन से जुड़ी टीम गांव पहुंची तब एक-एक कर ग्रामीणों को घर से बुला वैक्सीन देना प्रारम्भ किया गया और शाम चार बजे तक कुल 80 लोगों को वैक्सीन दी जा सकी.
रास्ते में फंसे ट्रक को जेसीबी बुलाकर रास्ता क्लियर कराया
सारंडा के ग्रामीण पहले से ही विभिन्न प्रकार की फैलायी गयी अफवाहों की वजह से वैक्सीन लेना नहीं चाहते थे तथा मानकी-मुंडाओं व अन्य द्वारा निरंतर जागरुकता अभियान के बाद वह वैक्सीन लेने को तैयार हुए. काशिया-पेचा गांव के ग्रामीण प्रारम्भ से ही वैक्सीन लेना चाह रहे थे लेकिन स्वास्थ्य विभाग ने जब इस गांव के ग्रामीणों को वैक्सीन देने की सुध नहीं ली तब ग्रामीणों ने मुंडा सिंगा सुरीन, मंगता सुरीन आदि के नेतृत्व में ग्राम सभा कर मनोहरपुर के बीडीओ और सीएचसी प्रभारी को ग्राम सभा से पारित पत्र देकर गांव के तमाम ग्रामीणों को कोरोना वैक्सीन का पहला डोज देने का आग्रह किया. सीएचसी प्रभारी ने ग्रामीणों को एक नवंबर को गांव में वैक्सीन से जुड़ी स्वास्थ्य विभाग की टीम को एम्बुलेंस के साथ भेज वैक्सीन कराने की तिथि निर्धारित की. हालांकि गांव की कच्ची सड़क अत्यंत खराब होने की वजह से ग्रामीणों ने खराब सड़क को श्रमदान कर एम्बुलेंस आने लायक बनाया लेकिन आज सुबह एक ट्रक रास्ते में फंस गया, जिससे ग्रामीण परेशान हो गए और जेसीबी मशीन मंगाकर ट्रक को खींचकर बाहर निकाला. इसके बावजूद वैक्सीन से जुड़ी टीम के गांव नहीं पहुंचने से ग्रामीणों में भारी आक्रोश बढ़ता रहा. इस बीच मनोहरपुर के सीएचसी प्रभारी कन्हैया लाल ऊरांव से सम्पर्क साधा गया लेकिन वह भी स्पष्ट नहीं बता पा रहे थे कि आखिर उक्त टीम क्यों नहीं पहुंची अथवा गांव में जायेगी या नहीं. इसके बाद ग्रामीण निराश होकर अपने-अपने घर लौटने लगे. इसके बाद दोपहर दो बजे के बाद उक्त टीम गांव पहुंची जिसके बाद वैक्सीन देने का कार्य प्रारम्भ हुआ.
स्वास्थ्य विभाग की यह बडी़ लापरवाही है कि वह खुद समय देकर समय पर वैक्सीन देने टीम गांव नहीं पहुंची. गांव तक आने के लिये सड़क नहीं होना दुर्भाग्य की बात है. गांव के मरीज सड़क के अभाव में अस्पताल नहीं जा पाते हैं जिससे अंधविश्वास का सहारा लेने को मजबूर हैं. सरकार कम से कम गांव तक पहुंच सड़क का अविलम्ब निर्माण कराये. सड़क बनने से अनेक दिक्कतें स्वतः दूर हो जायेंगी.
सिंगा सुरीन, गांव के मुंडास्वास्थ्य विभाग गांव के सभी ग्रामीणों को वैक्सीन दे एवं सरकार सड़क बनाये. क्योंकि सड़क नहीं होने से प्रतिवर्ष कई ग्रामीण की मौत समय पर इलाज उपलब्ध नहीं होने की वजह से हो जा रही है.
मंगता सुरीन, ग्रामीणवैक्सीन वाहन चाईबासा से नहीं आने की वजह से यह समस्या उत्पन्न हुई है. जबकि गांववालों को आज वैक्सीन देने का समय निर्धारित हमने किया था. मोटरसाइकिल से वैक्सीन देने वाली टीम को काशिया-पेचा गांव भेजा गया है लेकिन वह समय पर क्यों नहीं पहुंचें उसकी जानकारी ली जा रही है.
कन्हैया लाल ऊरांव, प्रभारी, मनोहरपुर सीएचसी.