New Delhi: कोरोना ने भारत ही नहीं पुरे विश्व की परेशानी बढ़ा रखी है. लेकिन इन सबके बीच कोरोना के टीके की खबर से लोगों को कुछ राहत जरुर मिली है. एम्स के निदेशक डॉक्टर रणदीप गुलेरिया ने बुधवार को बताया कि दवा कंपनी फाइजर द्वारा विकसित संभावित कोविड-19 टीके के भंडारण के लिए शून्य से 70 डिग्री सेल्सियस कम तापमान की आवश्यकता है. लेकिन यह भारत जैसे विकासशील देशों, खास तौर से कस्बों और ग्रामीण इलाकों में टीके की आपूर्ति के लिए बड़ी चुनौती है.
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कोविड के टीकों को गांवों तक पहुंचाना होगी चुनौती
डॉ गुलेरिया का कहना है कि भारत में ज्यादार टीकों को दो से आठ डिग्री सेल्सियस के तापमान पर रखा जाता है. देश के ज्यादातर हिस्सों में कोल्ड चेन में सबसे कम शून्य से 25 डिग्री सेल्सियस नीचे तक के तापमान में टीके रखे जा सकते हैं. उन्होंने कहा कि देश के कस्बों, गांवों और सुदूर क्षेत्रों में इतने कम तापमान वाली कोल्ड स्टोरेज चेन नहीं हैं, ऐसे में टीके को वहां तक पहुंचाना बड़ी चुनौती होगा. हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि टीके के तीसरे चरण के परीक्षण के बाद फाइजर इंक और बायोएनटेक एसई द्वारा घोषित पहले चरण के परिणाम में यह टीका कोरोना वायरस संक्रमण से 90 प्रतिशत तक बचाव करने में सक्षम है और यह उत्साहित करने वाली सूचना है.
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