Ranchi: नामकुम प्रखंड के पुगड़ु मौजा में न्यूक्लियस मॉल के मालिक विष्णु अग्रवाल ने जो 9.30 एकड़ जमीन खरीदी, वह खासमहाल नेचर की है. इस बात की पुष्टि रांची के अपर समाहर्ता की जांच में हो चुकी है. रांची प्रशासन की तरफ से जमीन के ऐसे चार बड़े मामले हैं, जिनमें कार्रवाई लंबित है.इस कारण भू-राजस्व विभाग की तरफ से एक एसआइटी का गठन किया गया है.
एसआइटी नामकुम स्थित उस जमीन की भी जांच करेगी, जिसे विष्णु अग्रवाल ने खरीदी है. विष्णु अग्रवाल ने एसआइटी जांच पर आपत्ति जतायी है. उन्होंने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को चिट्ठी लिख कर एसआइटी से जांच ना कराने की मांग की है. उनका कहना है कि भू-राजस्व विभाग का रवैया उनके प्रति ठीक नहीं है.
विभाग के सचिव को जमीन संबंधी गलतफहमी है. विभाग की तरफ से जमीन की जमाबंदी नहीं होने दी जा रही है. जबकि उन्होंने जमीन की रजिस्ट्री कराने में करीब 1.54 करोड़ का स्टॉप शुल्क निबंधन कार्यालय को चुकाया है.
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खासमहाल की सूची में जमीन नहीं होने का हवाला, लेकिन एसी रिपोर्ट का जिक्र नहीं करते अग्रवाल
विष्णु अग्रवाल सीएम को पत्र देकर अपनी जमीन सही होने का दावा कर रहे हैं. बार-बार यह कह रहे हैं कि सरकार की तरफ से बनायी गयी खासमहाल जमीन की सूची में उनकी नामकुम वाली जमीन का जिक्र नहीं है. इसलिए वो जमीन खासमहाल नहीं है. साथ ही वो आठ जनवरी को तत्कालीन डीसी रांची की तरफ से भू-राजस्व के सचिव को चिट्ठी देकर जमीन साफ-सुथरी बताने का दावा करते हैं. जबकि विष्णु अग्रवाल इस बात को छिपाने की कोशिश कर रहे हैं कि उस चिट्ठी में जमीन रजिस्ट्री कराने में अनियमितता बरती गयी है या नहीं सिर्फ इस बात का जिक्र है.
जमीन खासमहाल नेचर की है या नहीं इस बात का उल्लेख उस चिट्ठी में है ही नहीं. साथ ही विष्णु अग्रवाल यह बात भी छिपा रहे हैं कि उसी चिट्ठी में डीसी ने लिखा है कि मामले की जांच अपर समाहर्ता (एसी) की तरफ से की जा रही है.
एसी की जांच जब खत्म हुई तो उन्होंने अपनी रिपोर्ट विभाग को तीन मार्च, 2020 को सौंपी. जिसमें इस बात साफ उल्लेख है कि यह जमीन 1928 से ही खासमहाल नेचर की है. एसी ने अपनी रिपोर्ट में यह भी लिखा है कि खासमहाल नेचर की जमीन की सूची तैयार करने का काम चल रहा है. काम खत्म होते ही जमीन खासमहाल सूची में डाल दी जायेगी.
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