Hazaribagh : भारतीय लोकतंत्र के केंद्र में मतदान विराजमान है. एक प्रकार से कहा जाए तो मतदान लोकतंत्र का प्राणवायु है. इसके लिए मतदाताओं को जागरूक करना पहली प्राथमिकता होनी चाहिए. यह बात विनोबा भावे विश्वविद्यालय ग के कुलपति डॉ मुकुल नारायण देव ने बुधवार को विवेकानंद सभागार में आयोजित राष्ट्रीय मतदाता दिवस के अवसर पर कही. उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग की स्थापना 25 जनवरी 1950 को हुई थी, लेकिन 25 जनवरी 2011 से इस दिवस को जागरूकता कार्यक्रम के रूप में मनाया जाता है.
13वें मतदाता दिवस की शुभकामनाएं देते हुए वित्त सलाहकार सुनील कुमार सिंह ने कार्यशाला की थीम की चर्चा की, जिसमें कहा गया है- नथिंग लाइक वोटिंग, आई वोट फोर श्योर…
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“भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र, त्योहार के रूप में मनाएं”
उन्होंने यह भी कहा कि चुनाव अगर राष्ट्रीय हित में नहीं होते, तो सही नहीं है क्योंकि इसके लिए भारी-भरकम खर्च होता है और समय भी बेकार जाता है. कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए राजनीति विज्ञान विभाग की अध्यक्ष डॉ रीता कुमारी ने कहा कि भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र है तथा हर नागरिक को त्योहार के रूप में उसे मनाना चाहिए. डॉ सुकल्याण मोइत्रा ने कहा कि हम उस दिन का इंतजार कर रहे हैं, जिस दिन भारत का लोकतंत्र दुनिया के सर्वश्रेष्ठ लोकतंत्र की श्रेणी में आएगा.
मतदान के महत्व पर प्रकाश डाला गया
कार्यक्रम को मतदाता जागरूकता अभियान के नोडल अधिकारी डॉ विनोद रंजन ने संबोधित किया तथा मतदान के महत्व पर विस्तार से प्रकाश डाला. उपस्थित लोगों ने भी मतदान के प्रति निष्ठा जताई. मौके पर डॉ चंद्रशेखर सिंह, डॉ विकास कुमार, डॉ केदार सिंह, डॉ कृष्ण कुमार गुप्ता, डॉ अशोक मंडल, डॉ सुबोध सिंह शिवगीत, डॉ अजय बहादुर सिंह, डॉ अमिताभ सामंता, डॉ खेमलाल महतो, डॉ अविनाश कुमार, डॉ विजय कुमार समेत काफी संख्या में प्राध्यापक और विद्यार्थी उपस्थित थे. कार्यक्रम का संचालन तथा धन्यवाद ज्ञापन डॉ सुकल्याण मोइत्रा किया.
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