- विद्यार्थियों के लिए फाइन आर्ट में करियर की असीम संभावनाएं : परमेश्वर प्रसाद
- पहले महिला विश्वकप क्रिकेट की कर चुके हैं फोटोग्राफी
- प्रख्यात चित्रकार बटुकेश्वर नाथ के रह चुके हैं परम शिष्य
- राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को सौंप चुके हैं अपना अलबम
Amarnath Pathak
Hazaribagh : कैनवॉस पर अब वाश पेंटिंग दम तोड़ रही है. इसे जीवंत रखने की कोशिश में नेतरहाट के सेवानिवृत्त फाइन आर्ट के शिक्षक परमेश्वर प्रसाद लगे हुए हैं. वह कहते हैं कि विद्यार्थियों के लिए फाइन आर्ट में करियर की असीम संभावनाएं हैं. शिक्षक और व्याख्याता के रूप में फाइन आर्ट विशेषज्ञ की सर्वाधिक मांग है. इसमें वॉश पेंटिंग का अपना अलग महत्व है. लेकिन लोग इसे बिसारते जा रहे हैं. बिहार स्थित लखीसराय सिकंदरा के मूल निवासी वर्तमान में हजारीबाग के सिरसी में रहनेवाले फाइन आर्ट के शिक्षक परमेश्वर प्रसाद ‘शुभम संदेश’ से खास बातचीत में बताया कि अब वॉश पेंटिंग के प्रति न किसी की दिलचस्पी रही और न कोई बताने वाला रहा. वह शायद अंतिम चित्रकार हैं, जो वॉश पेंटिंग को बचाने के लिए जद्दोजहद कर रहे हैं. वॉश पेंटिंग के लिए पेरिस, जापान, नेपाल आदि से कागज आते हैं, जो ज्यादा महंगे नहीं होते. वॉश पेंटिंग कभी धुलती नहीं है. उनके गुरु पटना आर्ट कॉलेज के प्रख्यात चित्रकार बटुकेश्वर नाथ श्रीवास्तव थे, जो इटली से लौटकर फाइन आर्ट के तहत वॉश पेंटिंग की तालीम दे रहे थे. फाइन आर्ट में डिप्लोमा के दौरान उनसे सीखने के बाद वर्ष 1987 से 2016 तक परमेश्वर प्रसाद ने नेतरहाट में विद्यार्थियों को फाइन आर्ट की शिक्षा दी.
जीवन में बटोर चुके हैं कई उपलब्धियां
सन सत्तर के दशक में चित्रकार परमेश्वर प्रसाद पटना के एनामुल हक स्टेडियम में पहला महिला विश्वकप क्रिकेट की फोटोग्राफी भी की थी. बहुमुखी प्रतिभा के धनी परमेश्वर अंग्रेजी, हिन्दी और संस्कृत में ड्रामा भी किया है. साथ ही बतौर रचनाकार जनजाति आधारित पुस्तक भारतीय कला निधि सैद्धांतिक की रचना भी की. वह राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को उनके जीवनवृत्त से संबंधित अलबम भी भेंट कर चुके हैं. वर्ष 1982 में चित्रकार परमेश्वर बिहार के तत्कालीन मुख्यमंत्री जगन्नाथ मिश्रा के हाथों सीएम सम्मान पा चुके हैं. उन्होंने उस वक्त रवींद्रनाथ ठाकुर की पेंटिंग बनाई थी. जनजातीय चित्रकारी के लिए सीसीपी सेंटर इलाहाबाद (अब प्रयागराज) में विश्व के 14 मशहूर पेंटर में परमेश्वर प्रसाद को भी नवाजा गया था. इसके अलावा देश-विदेश में आयोजित आर्ट गैलरी में उनकी पेंटिंग को काफी सराहना मिल चुकी है. भगवान बुद्ध पर आधारित उनकी कई वॉश पेंटिंग ने खूब सुर्खियां बटोरीं.
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