Shruti prakash singh
Ranchi: राजधानी रांची में जलस्तर लगातार नीचे जा रहा है. इस स्थिति से उबरने के लिए सरकारी स्तर पर प्रयास किये जा रहे हैं, पर नाकाफी साबित हो रहे हैं. वहीं बात करें आसपास के गांवों की तो .हां भी पानी को घोर समस्या हो गई. पानी के लिए हर दिन लोग जद्दोजहद करते दिखते हैं. रांची की लेटेस्ट खबरों के लिए यहां क्लिक करें…
विशेषज्ञों की मानें तो सरकारी की ओर से किये जा रहे प्रयास फिलहाल नाकाफी हैं. इसके लिए जन जागरुकता अभियान चलाने की जरुरत है, ताकि इसे जन-जन का अभियान बनाया जा सके. जल और पर्यावरण संरक्षण को जिस गंभीरता और सक्रियता के साथ किया जाना चाहिए वह नहीं हो पा रहा है. लिहाजा, इसका नकारात्मक असर अब मानव जीवन पर देखने को मिल रहा है. जलस्तर नीचे जा रहा है और कई इलाकों में तो गंभीर जलसंकट उत्पन्न हो गया है. इसी दौरान हमने रांची शहर से सटे एक ऐसे गांव का दौरा किया जहां पानी की किल्लत से लोग परेशान हैं.
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पानी की किल्लत से लोग परेशान
हम रांची शहर से सटे पंडरा स्थित बनहोरा गांव पहुंचे, जहां पानी टंकी के पास गांव के कई लोग पानी भरने के लिए बैठे थे. इसी दौरान हमने वहां लोगों से बात की. उन्होंने बताया कि बिजली की समस्या नहीं है, उससे अधिक पानी की समस्या है, गांव में सरकार की ओर से कई जगहों पर बोरिंग कराया गया है और वहां पर टंकी लगाया गया है. इसी पर पूरा गांव निर्भर है.
बिना नहाये भी रहना पड़ता है
पानी की टंकी के पास बैठी सीमा कुजूर परेशान नजर आ रही थी. हमने उनसे पूछा कि यहां की स्थित कैसी है, तो उन्होंने बताया पानी नहीं मिलने की वजह से उनका बुरा हाल है और ये हाल अभी ही नहीं बल्कि पिछले कई सालों से है. उन्होंने बताया की उनके पति टायर पंचर बनाने का काम करते हैं. सरकार से कभी कोई मदद नहीं मिली. जो जमीन थी और घर था वो रोड बनाने के रास्ते मे निकला जा रहा है.
उन्होंने बताया की पानी की स्थिति तो बद से बदतर है. यहां सोलर प्लांट लगा है, जिससे टंकी भरती हैं और फिर हम उस पानी का उपयोग कर पाते हैं. उन्होंने कहा कि अभी तो धूप निकल रही तो पानी टंकी भर जाता है. लेकिन बारिश के मौसम में हमारी स्थिति बहुत ज्यादा बेकार होती है. कभी कभी तो ऐसा दिन होता है की बिना नहाये भी रहना पड़ता है.
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जलश्रोतों में पानी नहीं
महिला बताती है कि आसपास की नदी और नाला सुख गए है. जिस वजह से कपड़ा धोने में परेशानी होती है. बोरिंग के पानी से सिर्फ पीने और खाना बनाने की जरूरत पूरी हो पाती है, बाकी काम के लिए पानी की समस्या से हर दिन दो चार होना पड़ता है.