Kolkata : पश्चिम बंगाल पंचायत चुनाव और इसके परिणामों पर संदेह के बादल मंडराने लगे हैं. कलकत्ता हाई कोर्ट ने बुधवार को कहा कि चुनाव परिणाम मतदान के दिन चुनावी धांधली होने के आरोपों से जुड़े विषयों की सुनवाई के क्रम में अदालत के अंतिम आदेश पर निर्भर करेगी. खबर है कि हाई कोर्ट ने राज्य चुनाव आयोग, राज्य सरकार और केंद्र सरकार को चुनावी धांधली के आरोपों से जुड़ी तीन याचिकाओं पर हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया है.
नेशनल खबरों के लिए यहां क्लिक करें
Today Calcutta High Court has ordered that “As observed in our series of orders, we are monitoring the entire process, we make it clear that whatever has happened thus far, like voting, results etc is subject to the further orders this court will pass in the present petitions.…
— ANI (@ANI) July 12, 2023
हाई कोर्ट ने आदेश जारी कर कहा कि चुनाव प्रक्रिया और इसके परिणामों की घोषणा कोर्ट में दायर याचिकाओं में पारित हो सकने वाले आदेशों पर निर्भर करेगी. साथ ही मुख्य न्यायाधीश टीएस शिवगणनम और न्यायमूर्ति हिरण्मय भट्टाचार्य की खंडपीठ ने कहा कि आयोग उन सभी उम्मीदवारों को इस विषय की जानकारी दे, जो विजेता घोषित किये गये हैं.
याचिकाओं में 50,000 केंद्रों पर पुर्नमतदान की मांग
पश्चिम बंगाल में आठ जुलाई को हुए पंचायत चुनावों में बड़े पैमाने पर हिंसा और चुनावी धांधली होने का आरोप लगा है. इससे संबंधित याचिकाओं में आयोग से गुहार लगाई गयी है कि 50,000 मतदान केंद्रों पर दोबारा वोटिंग कराने का निर्देश दिया जाये. बता दें कि दोबारा वोटिंग सिर्फ 696 मतदान केंद्रों पर कराई गयी है.
हाई कोर्ट को दिखाया गया कथित चुनावी धांधली का वीडियो
एक याचिकाकर्ता ने हाई कोर्ट के समक्ष एक वीडियो प्रस्तुत किया, जिसमें वोटिंग के दिन कथित चुनावी धांधली को दिखाया गया. इसके बाद अदालत ने निर्देश दिया कि यह विषय 19 जुलाई को सुनवाई के लिए रखा जाये. हाई कोर्ट ने आश्चर्य व्यक्त किया कि चुनाव नतीजों की घोषणा के बाद भी राज्य सरकार हिंसा रोक नहीं पा रही है. तेवर तल्ख करते हुए कहा कि राज्य सरकार द्वारा अपने नागरिकों की सुरक्षा करने की स्थिति में नहीं होना गंभीर विषय है.
राज्य चुनाव आयोग को 24 जुलाई तक जवाब दाखिल करने का निर्देश
खंडपीठ ने राज्य चुनाव आयोग (एसईसी) को 24 जुलाई तक अपना जवाब दाखिल करने का निर्देश देते हुए कहा कि मामले की सुनवाई 26 जुलाई होगी. साथ ही एसईसी, राज्य और केंद्र सरकार को इन शिकायतों पर 18 जुलाई तक हलफनामा दाखिल करने का आदेश दिया. सुनवाई के क्रम में पीठ ने कहा कि अदालत चुनाव प्रक्रिया की निगरानी कर रही है. कहा कि अब मामला अदालत के पास है. हमें यह कहने की जरूरत नहीं है कि एसईसी द्वारा अब तक जो कुछ भी किया गया है, वह इस रिट याचिका में पारित अंतिम आदेशों के अधीन होगा.