Ranchi: कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामले के बीच रिम्स में आउटसोर्सिंग पर विभिन्न पदों के लिए कर्मचारियों को बहाल किया गया था. एनएचएम की ओर से टी एंड एम सर्विसेज कंसलटिंग लिमिटेड ने 1260 पद के लिए विज्ञापन निकाला था. 858 लोगों को रिम्स में विभिन्न कार्यों में लगाया गया. लेकिन कोरोना मरीजों की संख्या कम होते ही रिम्स ने आदेश जारी कर दिया कि 11 मई के बाद बहाल किए गए कर्मी काम नहीं करेंगे.
बस भेजकर सभी लोगों को वापस बुलाया रिम्स, इधर चलता रहा ड्रामा
हॉस्टल खाली करने के आदेश के बाद बस भेज कर सभी आउटसोर्सिंग कर्मचारियों को वापस बुलाया गया. इधर कर्मचारियों की रहने की कोई व्यवस्था नहीं होता देख सभी कर्मचारी उग्र हो गए. समस्या का कोई हल होता नहीं देख एक महिला कर्मी भावुक होकर रोने लगी. हालांकि साथी कर्मचारियों ने उसे सांत्वना दी.
मामला सोमवार को गरमाया. मंगलवार को भी आउटसोर्सिंग कर्मचारी और टी एंड एम सर्विसेज कंसलटिंग लिमिटेड के बीच वार्ता का दौर चलता रहा, लेकिन नतीजा सिफर था. एक बार फिर सभी कर्मचारी आज सुबह से ही रिम्स निदेशक कार्यालय के समक्ष डटे रहे. कंपनी के प्रतिनिधि अरविंद कुमार कर्मचारियों को समझाने का प्रयास करते रहे. लेकिन उनके बातों का भरोसा कर्मचारियों को नहीं हुआ.
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कंपनी ने कहा रिम्स करेगा कर्मचारियों के पैसे की भुगतान
टी एंड एम सर्विसेज कंसलटिंग लिमिटेड के प्रतिनिधि अरविंद कुमार ने कहा कि काम पर रखे गए सभी कर्मियों के पैसे का भुगतान रिम्स के द्वारा किया जाएगा. उन्होंने कहा कि 11 मई के बाद काम पर रखे गए लोगों के पैसे की भुगतान पहले की जाएगी. लेकिन आंदोलन कर रहे कर्मचारियों का कहना था कि जब तक कंपनी के द्वारा लिखित नहीं दिया जाएगा हम प्रदर्शन जारी रखेंगे.
सुपरवाइजर की बात कह काम पर रखा था
वहीं टी एंड एम सर्विसेज कंसलटिंग लिमिटेड के द्वारा बहाल की गई सुपरवाइजर प्रीति मेहता ने कहा है कि 20 हजार रुपए प्रतिमाह सैलरी की बात कहकर काम पर रखा गया था. अब हमें मल्टीटास्किंग स्टाफ बताकर 10 हजार प्रतिमाह देने की बात कही जा रही है. पैसा कब दिया जाएगा इसका कुछ पता नहीं है. उन्होंने कहा कि हमारी समस्याओं पर स्वास्थ्य मंत्री को हस्तक्षेप कर मामले का समाधान करने की जरूरत है.
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पैसे के भुगतान को लेकर नहीं दिया जा रहा है कोई ठोस आश्वासन
कुछ ऐसी ही परेशानियों के साथ अंशु कुमारी भी गुजर रही हैं. उन्हें भी सुपरवाइजर के पद पर रखा गया था. मरीजों की संख्या कम हुई तो अब उन्हें कहा जा रहा है कि आप मल्टीटास्किंग स्टाफ के रूप में कार्यरत हैं. पैसे के भुगतान को लेकर भी कोई निष्कर्ष नहीं निकल रहा है. जबकि आउटसोर्सिंग कर्मचारी शकील अहमद ने कहा कि हमारी नियुक्ति में ही समस्या है. अब वेरिफिकेशन के नाम पर हम लोगों को मानसिक रूप से प्रताड़ित किया जा रहा है.
इधर आउटसोर्सिंग कर्मचारियों को हॉस्टल खाली करने का दिया गया आदेश
वहीं आउटसोर्सिंग पर कार्यरत कर्मचारियों को राजकीय ग्रामीण विकास संस्थान (सर्ड) हेहल में रखा गया था. रिम्स प्रबंधन ने नोटिस देते हुए उन्हें उक्त स्थान को खाली करने का आदेश दे दिया. उनके ठहरने का नया व्यवस्था करते हुए आदेश निकाला गया कि रिम्स के अस्थाई कोविड वार्ड (मल्टी स्टोरी पार्किंग) के तीसरे तल्ले पर उन्हें रहना है. लेकिन कर्मचारियों का कहना है की यहां रहने की कोई व्यवस्था नहीं है.
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