Jamshedpur : जुगसलाई सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का रविवार को स्वास्थ्य एवं आपदा प्रबंधन मंत्री बन्ना गुप्ता ने औचक निरीक्षण किया. निरीक्षण के दौरान केंद्र पर ना डॉक्टर मिले ना नर्स उपस्थित मिलीं. वहीं कोई स्वास्थ्य कर्मी भी अपनी ड्यूटी में तैनात नहीं था. स्वास्थ्य केंद्र के अधिकांश कमरों में ताला लटका था. केवल प्रसूति वार्ड खुला था, जहां चार-पांच महिलाएं भर्ती थीं.
महिला मरीज ने बताया-सुबह डॉक्टर आई थीं, फिर चली गईं
मंत्री ने प्रसूति वार्ड में भर्ती महिलाओं से भी बात की. महिलाओं ने मंत्री को बताया कि स्वास्थ्य केंद्र की प्रभारी डॉ लक्ष्मी कुमारी आई थीं, लेकिन चली र्गइं. हालांकि मंत्री के निरीक्षण के दौरान प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी एवं अन्य स्वास्थ्य कर्मी नदारद मिले. स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने कहा कि निरीक्षण में चिकित्सक सहित अन्य स्वास्थ्य कर्मी गायब मिले हैं. इन सभी को शोक कॉज कर जवाब मांगा जाएगा.
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जानकारी हो कि बीते दिनों उक्त केंद्र के चिकित्सकों की लापरवाही के कारण जुगसलाई पांडेय मुहल्ला की एक महिला के नवजात की मौत हो गई थी. जिसको लेकर केंद्र पर काफी हंगामा भी हुआ था. इस मामले में स्वास्थ्य विभाग रांची की टीम ने यहां आकर जांच की थी तथा पीड़ित महिला, उसके पति एवं स्वास्थ्य कर्मियों का बयान दर्ज किया था. आज स्वास्थ्य मंत्री के निरीक्षण के दौरान महिला का पति भी मौजूद था.
स्वास्थ्य मंत्री के निरीक्षण की सिविल सर्जन को नहीं दी गई जानकारी
स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता के रविवार को जुगसलाई सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र की औचक निरीक्षण की जानकारी प्रभारी सिविल सर्जन डॉक्टर साहिल पाल को नहीं मिल पाई. पूछे जाने पर उन्होंने आश्चर्य व्यक्त करते हुए कहा कि स्वास्थ्य मंत्री के निरीक्षण की उन्हें कोई जानकारी नहीं दी गई, हालांकि कहा कि सरप्राइज विजिट की जानकारी नहीं दी जाती है. उन्होंने कहा कि मंत्री के निरीक्षण में जो भी कमियां पाई गई हांेगी, उसे दूर किया जाएगा. जो लोग अनुपस्थित होंगे उनसे जवाब मांगा जाएगा.
स्वास्थ्य केंद्र की शिकायत मिलने के बाद पहुंचे थे मंत्री
मौके पर मौजूद कांग्रेस नेता केके शुक्ल ने बताया कि जुगसलाई सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में अक्सर मरीजों के साथ दुर्व्यवहार किया जाता है. साथ ही छोटे-मोटे मामलों में भी दूसरे अस्पतालों में रेफर जैसी प्रक्रिया अपनाई जाती है. जबकि उक्त केंद्र में प्रसव की सुविधा के अलावे इमरजेंसी सेवा की भी सुविधा उपलब्ध है. लेकिन स्वास्थ्य केंद्र की प्रभारी की लापरवाही अक्सर सामने आती है. जिसकी स्वास्थ्य मंत्री से शिकायत की गई थी. आज के स्वास्थ्य मंत्री के औचक जांच को जायज ठहराते हुए कहा कि लापरवाह लोगों पर कार्रवाई होनी ही चाहिए. निरीक्षण के दौरान काफी संख्या में स्थानीय लोग भी मौजूद थे, जिनमें सुदर्शन तिवारी, रणजीत सिंह, मलखान दूबे, अमर तिवारी आदि शामिल थे.
सही कदम ,मगर ठोस कार्रवाई के अभाव में सरकारी कर्मचारियों और पदाधिकारियों का मनोबल बढ़ा हुआ है। देखना यह है कि निरीक्षण सिर्फ खानापूर्ती है या कोई ठोस कार्रवाई भी होगी।