New Delhi : भारत अब अरब देशों के साथ मिलकर मध्य पूर्व में बनते नये राजनीतिक परिदृश्यों के बीच एक बड़ी भूमिका निभाएगा. भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर के इजराइल के दौरे के दौरान यह संकेत मिल रहे हैं. साथ ही यह बात भी सामने आयी है कि चार देश एक अलग दल का गठन करने की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं. इन देशों भारत, इजरायल, संयुक्त अरब अमीरात और अमेरिका शामिल हैं. भारतीय विदेश मंत्री के दौरे के दौरान इजरायल ने अपनी इच्छा जतायी है कि भारत अब अरब देशों के साथ मिलकर नये राजनीतिक परिदृश्यों के बीच एक बड़ी भूमिका निभाए. इजरायल चाहता भी है कि भारत उसके साथ मिलकर काम करे.यह इजराइल के साथ भारत की नजदीकी को भी दर्शाता है.
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इजराइल के विदेश सचिव एलोन उशपिज ने कहा
भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर की तेल अवीव यात्रा की पूर्व संध्या पर इजराइल के विदेश सचिव एलोन उशपिज ने कहा है कि हम इस पर बहुत ध्यान देना चाहते हैं कि मध्य पूर्व में नयी स्थिति का भारतीय परिदृश्य कैसा हो सकता है और हम सामने आ रहे नये अवसरों में भारत को कैसे शामिल कर सकते हैं.
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इजरायल, अमेरिका, यूएई के लिए ईरान का मुद्दा अहम
मालूम हो कि इजरायल, अमेरिका और यूएई के लिए ईरान का मुद्दा काफी अहम है. तीनों की नजर में ईरान उनके लिए बड़ी चुनौती है. ईरान और सऊदी अरब भी एक दूसरे के खिलाफ रहते हैं. इजरायली विदेश सचिव ने कहा कि ईरान परमाणु क्षमता रखने के लिए दृढ़ है और ईरान अंतरराष्ट्रीय समुदाय के वादों को तोड़कर परमाणु हथियार बनाने की दिशा में आगे बढ़ रहा है.उन्होंने कहा कि बहुत संभावना है कि ईरान अंतर्राष्ट्रीय समुदाय की कड़ी प्रतिक्रियाओं को भी नजरअंदाज कर देंगे’. ईरान इस समय इजरायल के लिए सबसे बड़ा सुरक्षा का मामला बना हुआ है. साथ ही यह मामला सऊदी अरब और यूएई के लिए भी काफी बड़ा है.