- केंद्रीय कोयला सचिव अमृतलाल मीणा ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और मुख्य सचिव सुखदेव सिंह से की मुलाकात
- 18 जनवरी को दोनों अधिकारियों की फिर से हो सकती है बैठक
दोनों शीर्ष अधिकारियों के बीच इन मुद्दों पर हुई बातचीत
- बंद पड़ी माइंस का क्लोजर.
- झरिया का पुर्नवास.
- देश में थर्मल पावर में कोयले की आवश्यकता को देखते हुए कोयला उत्पादन पर जोर.
- कोयला उत्पादन से राज्य सरकार की रॉयल्टी बढ़ेगी, आयातित कोयला पर कम होगी निर्भरता.
- सीसीएल, बीसीसीएल, ईसीएल के इश्यू.
Ranchi : रांची दौरे पर पहुंचे केंद्रीय कोयला सचिव अमृतलाल मीणा ने कहा है कि झरिया पुनर्वास योजना को लेकर केंद्र सरकार गंभीर है. इसके लिए कमेटी बनायी गयी है. वहीं, कोल माइंस के क्लोजर का जो प्रोटोकॉल है, उसका कड़ाई से पालन किया जाएगा. कोयला मंत्रालय से जुड़े मुद्दों को लेकर केंद्रीय कोयला सचिव बुधवार को रांची पहुंचे थे. प्रोजेक्ट भवन में मुख्य सचिव सुखदेव सिंह से उन्होंने लंबी बातचीत की. बातचीत के मीडिया से कोयला सचिव ने कहा, झारखंड सरकार ने भी इस दिशा में केंद्रीय कोल मंत्रालय का ध्यान आकर्षित किया है. मंत्रालय इसे लेकर पहले से गंभीर है. बंद कोल माइंस का प्रोपर और साइंटिफिक तरीके से क्लोजर किया जाएगा.
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कोयला उत्पादन पर जोर, सरकार की बढ़ेगी रॉयल्टी
सूत्रों के मुताबिक, दोनों अधिकारियों के बीच हुई बैठक में कोयला उत्पादन पर भी जोर दिया गया. देश के थर्मल पावर प्लांट को कोयले की निरंतर आवश्यकता है. इससे राज्य सरकार की रॉयल्टी बढ़ेगी और आयातित कोयला पर निर्भरता कम होगी. बैठक में फैसला हुआ कि राज्य सरकार के हिस्से के प्रमुख काम, जिनमें फॉरेस्ट क्लीयरेंस, पर्यावरण क्लीयरेंस और भू-अर्जन की प्रक्रिया है, को समयबद्ध तरीके से पूरा करना है.
सीएम से मिले कोयला सचिव
मुख्य सचिव से मुलाकात के बाद कोयला सचिव सीधे मुख्यमंत्री आवास पहुंचे. मुख्यमंत्री आवासीय कार्यालय में केंद्रीय कोयला सचिव अमृतलाल मीणा और सीसीएल के वरीय अधिकारियों ने मुख्यमंत्री से शिष्टाचार मुलाकात की.
पूर्वी क्षेत्रीय परिषद की बैठक में सीएम हेमंत ने उठाया था माइंस क्लोजर का मुद्दा
बीते 17 दिसंबर को हुई पूर्वी क्षेत्रीय परिषद की बैठक में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने केंद्रीय गृह सचिव के समक्ष माइंस क्लोजर का मुद्दा उठाया था. उन्होंने कहा था कि बंद माइंस (खदानों) का विधिवत क्लोजर कराया जाए, ताकि पर्यावरण की सुरक्षा हो सके एवं अवैध खनन पर रोक लग सके.
झरिया पुनर्वास योजना पर बनी रिपोर्ट अंतिम चरण में
मुख्य सचिव सुखदेव सिंह से मुलाकात में दोनों अधिकारियों के बीच कोल मंत्रालय से जुड़े कई मुद्दों पर बातचीत हुई. झरिया पुनर्वास योजना को लेकर पूछे सवाल पर कोयला सचिव ने कहा, पुनर्वास को लेकर पहले ही एक कमेटी बनी है. व्यक्तिगत तौर पर उन्होंने क्षेत्र का दौरा किया है. कमेटी की रिपोर्ट अंतिम चरण में है. मिलते हुए पुनर्वास योजना में काम शुरू किया जाएगा.
कोयला सचिव ने बताया
• विभिन्न सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम (पीएसयू) से जुड़ी समस्याओं यथा -लैंड, फॉरेस्ट, एडमिनिस्ट्रेशन इश्यू शामिल हैं, पर चर्चा हुई.
• राज्य सरकार का कोल मंत्रालय को पूरा सहयोग मिल रहा है. राज्य में कोल उत्पादन का काम तेजी से हो रहा है.
• केंद्रीय कोल कंपनियों यथा – सीसीएल, बीसीसीएल, ईसीएल के नए प्रोजेक्ट और पुराने प्रोजेक्ट को लेकर जितने भी फॉरेस्ट लैंड इश्यू हैं, उन सभी के निदान के लिए समय सीमा निर्धारित की गयी है. सभी पर काम तेजी से हो रहा है.
• साल 2022 में तीनों कोल कंपनियों के कोल प्रोडक्शन का जो टारगेट था, वह पूरा होने के करीब है.
राज्य सरकार से जितने भी इश्यू हैं, चर्चा कर हल किये जायेंगे
राज्य सरकार पर कोल कंपनियों के बकाया मुद्दों के सवाल पर कोयला सचिव ने कहा कि इस बारे में बैठक में कोई बात नहीं हुई. हालांकि उन्होंने कहा कि कोल मंत्रालय से जुड़े जितने भी मुद्दे हैं, उन सभी का केंद्र और राज्य सरकार द्वारा नियमानुसार चर्चा कर हल किया जाएगा.
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