Bermo: कस्तूरबा श्री विद्या निकेतन ढोरी में शुक्रवार को कार्यशाला का आयोजन किया गया. विद्या विकास समिति के निर्देशन में संकुल स्तरीय राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के क्रियान्वयन के लिए कार्यशाला का आयोजन किया गया.
कार्यशाला का शुभारंभ ढोरी एरिया जीएम ने किया
इसमें 25 आयामों पर विद्यालय के आचार्य बंधु भगिनी की ओर से विचार अभिव्यक्त किए गए. कार्यशाला का शुभारंभ मुख्य अतिथि ढोरी एरिया जीएम मनोज कुमार ने किया. जीएम ने कहा कि यह राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 एक अलग उद्देश्य लेकर आई है. शिक्षा नीति के इस प्रारुप पर देश के 2.5 लाख ग्राम पंचायत, 6600 प्रखंड, 6000 शहरी निकाय और 676 जिलों के नागरिकों ने सक्रिय भागीदारी की. इसके फलस्वरूप 900000 से अधिक सुझाव प्राप्त हुए हैं. ये सुझाव लगभग 70000 पृष्ठों में थे. इस प्रकार भारत के हर नागरिक की इच्छा को ध्यान में रखते हुए बनाई गई यह शिक्षा नीति भारत की आत्मा को प्रतिबिंबित करती है. इसमें विद्यालय स्तर से ही छात्र की समग्र बोधगम्यता का पूरा ध्यान रखा गया है. आयु के अनुसार उचित शिक्षा का प्रावधान है. शिक्षा व्यवस्था में इतने बड़े बदलाव की अनुशंसा नौ सदस्यीय कमेटी ने की है. डॉ. के कस्तूरीरंगन इस नीति के प्रमुख सूत्रधार हैं.
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भारत की तीसरी परिवर्तित शिक्षा नीति है
बोकारो टू ए प्रधानाचार्य दिनेश कुमार मिश्रा ने कहा की राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 स्वतंत्र भारत की तीसरी परिवर्तित शिक्षा नीति है. इसके 25 विषय हैं. जिनके क्रियान्वयन पर आचार्यों के द्वारा दिए गए विषयों पर पीपीटी निर्माण करना और संबंधित विषयों पर विषय प्रस्तुति देने के लिए यह कार्यशाला का आयोजन किया गया है. इस कार्यशाला में कस्तूरबा संकुल के 6 विद्यालयों ने भाग लिया. इस कार्यशाला में लगभग 70 आचार्य सम्मिलित रूप से शामिल हुए. इस कार्यशाला में एसओपी प्रतुल कुमार, संभाग निरीक्षक धनबाद विभाग अमरकांत झा, धनबाद विभाग के सह प्रमुख विवेक नयन पांडे और विकास कुमार सिंह शामिल थे. इनके अलावा अशोक सिंह, कमलजीत सिंह, लखन गुप्ता और गणेश पाल मौजूद थे.
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