-उद्योग विभाग के अंतर्गत 29 जुलाई को सीएम ने किया था शिलान्यास
-मगर योजना पर हुई देरी के कारण केंद्र सरकार ने राशि देने से कर दिया था इनकार
Kaushal Anand
Ranchi: कोर कैपिटल में निर्माणधीन वर्ल्ड ट्रेड सेंटर का निर्माण अब खुद झारखंड सरकार कराएगी. इसकी सैद्धांतिक मंजूरी मिल चुकी है. उद्योग विभाग के बजट में इस योजना को और राशि का प्रावधान कर लिया जाएगा. जल्द इसे कैबिनेट से पास करा लिया जाएगा. संभवत: अप्रैल के बाद इसका निर्माण कार्य सरकार शुरू कर देगी. बतातें चलें कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने 29 जुलाई को धुर्वा कोर कैपिटल में (विधानसभा के बगल) में इसका शिलान्यास किया था. यह योजना केंद्र और राज्य सरकार के 50:50 प्रतिशत अंशदान पर बनी थी. मगर योजना को शुरू करने में हुई देरी के बाद केंद्र सरकार ने अपने हिस्से की राशि देने से मना कर दिया. इसके बाद से इस योजना पर प्रश्न चिन्ह खड़ा हो गया था. यह योजना झारखंड उद्योग के अधीन झारखंड इंडस्ट्रीज इंफ्रास्कट्रचर कॉरपोरेशन की थी. यह पूरी योजना लगभग 44 करोड़ की थी.
वर्ल्ड ट्रेड सेंटर से इन फायदों की हुई थी घोषणा
इसके निर्माण हो जाने से सुक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योगों को बढ़ावा देने का दावा किया गया है. कौशल विकास और बड़े निवेश होने की घोषणा की गयी थी. इसका निर्माण होने के साथ ही राज्य से निर्यात आधारित कारोबार को बढ़ावा मिलने का दावा किया गया है. राज्य सरकार वर्ल्ड ट्रेड सेंटर का निर्माण कर बुनियादी सुविधा को बढ़ावा देने का वादा किया है. वर्ल्ड ट्रेड सेंटर, रांची कृषि खाद्य उत्पाद, कपड़ा, तसर उत्पाद और इंजीनियरिंग सामान के निर्यात को बढ़ावा देगा. वर्ल्ड ट्रेड सेंटर, कारोबार को विदेश के साथ देश के अन्य राज्यों से जोड़ने में मदद मिलेगी. इससे राज्य के निर्यात कारोबार को बढ़ावा मिलेगा. झारखंड के युवाओं को भी रोजगार के अनेक अवसर मिलेंगे.
इसका उद्देश्य है बड़े-बड़े उद्योगों के साथ ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ करना है. झारखंड में महिलाओं द्वारा निर्मित पलाश ब्रांड इसके जरिए बाजार देने की बातें कही गयी हैं. वर्ल्ड ट्रेड सेंटर के माध्यम 12 बाजार हजार करोड़ तक ले जाने का लक्ष्य तय किया है.
अब इसे झारखंड सरकार बनाएगी, यह तय हो चुका है. इसको लेकर जरूरी ऑफिशियल कार्यवाही जारी है. जल्द ही इसे कैबिनेट से अप्रुवल लिए जाने का काम किया जाएगा. उम्मीद है. आगामी वित्तीय वर्ष के बाद इसे लेकर काम शुरू हो जाए.
(जितेंद्र सिंह, निदेशक, उद्योग विभाग, झारखंड)