Lagatar Desk: पर्यावरण में प्रदूषण के सबसे प्रमुख कारणों में से एक प्लास्टिक है. वो सैकड़ों सालों तक पर्यावरण में मौजूद रहता है. ऐसे में पानी से लेकर हवा तक को वो प्रदूषित कर रहा है. जानवर इसे खाकर मर भी जाते हैं. वहीं दूसरी ओर देखा जाए तो प्लास्टिक काफी काम का प्रोडक्ट भी है. हमारी रोजमर्रा की जिंदगी को वो आसान बनाता है. प्लास्टिक का इस्तेमाल करना सही है या गलत? इसको लेकर लोगों के अपने-अपने तर्क हैं. लेकिन एक कंपनी ऐसी है जो प्लास्टिक को रीसाइकिल कर उसका इस्तेमाल चश्मे बनाने के लिए कर रही है. अशाया नाम की इस कंपनी के एक कोफाउंडर अनीष मलपानी ने हाल ही में एक वीडियो को ट्विटर पर शेयर किया है जिसमें बताया गया है कि ये कंपनी कैसे चमत्कार कर रही है. कंपनी ने विधआउट नाम के सनग्लासेस का रेंज मार्केट में उतारा है जिसकी खासियत ये है कि ये चिप्स के प्लास्टिक से बने हैं.

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This has been the hardest thing I have ever been a part of.
Finally: Presenting the world’s first recycled sunglasses made from packets of chips, right here in India! pic.twitter.com/OSZQYyrgVc
— Anish Malpani (@AnishMalpani) February 16, 2023
पुणे की एक कंपनी आशया ने किया यह इनोवेशन
पुणे की एक कंपनी आशया ने दो साल के शोध के बाद अपनी छोटी सी लैब में बड़ी सफलता हासिल की है. उन्होंने मल्टी-लेयर प्लास्टिक (एमएलपी) को डिग्रेड करने और चिप्स के पैकेटों को रीसायकल करके ट्रेंडी सनग्लासेस बनाने का एक तरीका खोज लिया, जो यूवी-पोलराइज़्ड, टिकाऊ और आरामदायक हैं. स्टार्टअप के फाउंडर, अनीश मालपानी ने एमएलपी को धूप के चश्मे में बदलने की पूरी प्रक्रिया का खुलासा करते हुए ट्विटर पर एक वीडियो साझा किया. उन्होंने कैप्शन लिखा कि यह अब तक का सबसे मुश्किल काम रहा है. आखिर में, चिप्स के पैकेट से बना दुनिया का पहला रिसायकल्ड धूप का चश्मा पेश करते हुए, यही भारत में!
बदलेगी कूड़ा बीनने वालों की जिंदगी
We, at Ashaya | WITHOUT™, have found a way to extract materials from it using our patent-pending process to produce high-quality materials and products, starting with sunglasses (and coasters). We do all this while genuinely empowering waste-pickers. And a lot more. pic.twitter.com/K60E8MALWS
— Anish Malpani (@AnishMalpani) February 16, 2023
एक अन्य पोस्ट में, मालपानी ने साझा किया कि इस तकनीक के माध्यम से, वे लचीले पैकेजिंग मटेरियल से धूप के चश्मे के अलावा कोस्टर भी बनाएंगे. सबसे दिलचस्प बात यह है कि बिक्री से अर्जित राजस्व का उपयोग कूड़ा बीनने वालों और उनके परिवारों को बेहतर जीवन देने के लिए किया जाएगा. मालपानी ने एक अन्य पोस्ट में साझा किया कि इस मल्टी-लेयर्ड प्लास्टिक कचरे को विश्व स्तर पर लगभग 0% के साथ रिसायकल करना असंभव माना जाता है. समुद्र में 80% कचरा यह प्लास्टिक पैकेजिंग है.
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