Ranchi : साहित्यकार रणेंद्र को श्रीलाल शुक्ल स्मृति इफको साहित्य सम्मान 31 जनवरी को मिलेगा. पिछले महीने इंडियान फार्मर्स फर्टिलाइजर कोआपरेटिव लिमिटेड (इफको) ने वर्ष 2020 के लिए साहित्यकार रणेंद्र को पुरस्कृत करने की घोषणा की थी. इसके लिए इफको द्वारा रविवार को आर्यभट्ट सभागार में कार्यक्रम का आयोजन किया गया है. पुरस्कार के रूप में रणेंद्र को एक प्रतीक चिन्ह, प्रशस्ति पत्र और 11 लाख रुपये का चेक प्रदान किया जायेगा. इसके अलावा सांस्कृतिक कार्यक्रम का भी आयोजन किया गया है.
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पुरस्कार की शुरुआत 2011 में हुई थी
इफको द्वारा पुरस्कार देने की शुरूआत 2011 में की गयी थी. श्रीलाल शुक्ल स्मृति इफको साहित्य सम्मान ऐसे हिन्दी लेखक को दिया जाता है, जिनकी रचनाओं में मुख्यतः ग्रामीण, कृषि जीवन, हाशिए पर लोग या विस्थापन आदि से जुड़ी समस्याओं, आकांक्षाओं और संघर्ष का चित्रण किया गया हो.
यह सम्मान किसी एक रचना पर नहीं बल्कि लेकर के संपूर्ण लेखन पर दिया जाता है. रणेंद्र से पहले यह पुरस्कार विद्यासागर नौटियाल, शेखर जोशी, संजीव, मिथिलेश्वर, अष्टभुजा शुक्ल, कमलाकात त्रिपाठी, रामदेव धुरंधर और महेश कटारे को मिल चुका है.
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रणेंद्र ने आदिवासी जीवन को आधार बनाया
रणेद्र ने आदिवासी जीवन को अपनी लेखनी का मुख्य आधार बनाया है. वे अपनी रचनाओं में आदिवासी समाज को देखने का नया दृष्टिकोण प्रस्तुत किया है. अपने पहले उपन्यास ‘ग्लोबल गांव के देवता’ से ही वे चर्चा में आ गये थे. गायब होता देश उपन्यास में भी इन्होंने आदिवासी जीवन के संघर्ष का चित्रण किया. इनका कहानी संग्रह ‘छप्पन छुरी बहत्तर पेंच’ पिछले साल प्रकाशित हुआ था. गूंगी रुलाई का कोरस उपन्यास प्रकाशित होने वाला है.
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