New Delhi : प्रतिबंधित संगठन जम्मू कश्मीर लिबरेशन फ्रंट के चीफ यासीन मलिक को टेरर फंडिंग के दो केस में आजीवन कारावास की सजा सुनाई गयी है. 10 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है. शल एनआइए जज प्रवीण सिंह ने शाम 6.15 बजे फैसला सुनाया. सजा सुनाये जाने से पहले यासीन मलिक को पटियाला हाउस कोर्ट हाजत में रखा गया था. सजा सुनाये जाने से ठीक पहले उसे कोर्ट रूम ले जाया गया. मलिक की सजा पर फैसला पहले 3.30 बजे आना था, फिर इसे 4 बजे तक टाल दिया गया था. दिल्ली के NIA कोर्ट ने सजा को लेकर फैसला सुरक्षित रख लिया था. बताया जा रहा है कि NIA ने यासीन मलिक को सजा ए मौत देने की मांग की है. सजा के ऐलान से पहले कोर्टरूम के बाहर सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी गई थी. कोर्ट रूम में डॉग स्क्वायड भी लाया गया था. पूरे कोर्ट परिसर को पुलिस छावनी में तब्दील कर दिया गया था. दिल्ली से लेकर जम्मू-कश्मीर तक सुरक्षा बढ़ा दी गयी है.
कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया था
इससे पहले यासीन मलिक को दिल्ली की पटियाला कोर्ट लाया गया. कोर्ट में सजा पर बहस हुई. इसके बाद कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया था. पटियाला कोर्ट परिसर की सुरक्षा बढ़ा दी गयी है. पटियाला कोर्ट के बाहर स्पेशल सेल के जवानों की तैनाती की गई है.
यासीन ने कहा था- सजा पर कुछ नहीं बोलूंगा
कोर्ट रूम में मौजूद वकील फरहान ने बताया कि यासीन मलिक ने कोर्ट में कहा था कि वो सजा पर कुछ नहीं बोलेगा. कोर्ट दिल खोल कर उसको सजा दे. मलिक ने कहा था, मेरी तरफ से सजा के लिए कोई बात नहीं होगी. वहीं, NIA ने यासीन मलिक को फांसी देने की मांग की थी. इसके बाद यासीन मलिक 10 मिनट तक शांत रहा. यासीन मलिक ने कोर्ट में कहा था कि मुझे जब भी कहा गया मैंने समर्पण किया, बाकी कोर्ट को जो ठीक लगे वो उसके लिए तैयार है.
कोर्ट ने ठहराया दोषी
कोर्ट ने माना है कि मलिक ने ‘आजादी’ के नाम जम्मू कश्मीर में आतंकवादी और अन्य गैरकानूनी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए धन जुटाने के मकसद से दुनिया भर में एक नेटवर्क स्थापित कर लिया था. NIA ने स्वत: संज्ञान लेते हुए इस मामले में 30 मई 2017 को केस दर्ज किया था. इस मामले में एक दर्जन के अधिक लोगों के खिलाफ 18 जनवरी 2018 को चार्जशीट फाइल की गई थी. राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने कोर्ट में कहा था, लश्कर-ए-तैयबा, हिजबुल मुजाहिदीन, जेकेएलएफ, जैश-ए-मोहम्मद जैसे आतंकी संगठनों ने पाकिस्तान की आईएसआई के समर्थन से नागरिकों और सुरक्षाबलों पर हमला करके घाटी में बड़े पैमाने पर हिंसा को अंजाम दिया.
यासीन मलिक ने गुनाह किया कबूल
यासीन मलिक ने कोर्ट में कहा था कि वह यूएपीए की धारा 16 (आतंकवादी गतिविधि), 17 (आतंकवादी गतिवधि के लिए धन जुटाने), 18 (आतंकवादी कृत्य की साजिश रचने), 20 (आतंकवादी समूह या संगठन का सदस्य होने) और भारतीय दंड संहिता की धारा 120-बी (आपराधिक साजिश) व 124-ए (देशद्रोह) के तहत खुद पर लगे आरोपों को चुनौती नहीं देना चाहता.
मलिक के घर के आसपास सुरक्षाबल के जवान तैनात
यासीन मलिक के वकील के मुताबिक उनकी प्रॉपर्टी के बारे में पता चला है. मलिक के पास 11 कनाल यानी करीब 5564 वर्ग मीटर जमीन है, जो उसने पुश्तैनी बताई है. इससे पहले गुरुवार को कोर्ट ने टेरर फंडिंग मामले में दोषी ठहराया था. यासीन मलिक ने सुनवाई के दौरान कबूल कर लिया था कि वह कश्मीर में आतंकी गतिविधियों में शामिल था. श्रीनगर के पास मैसुमा में यासीन मलिक का घर है. मलिक के घर के आसपास सुरक्षाबल के जवान तैनात हो गए हैं. ड्रोन से इलाके की निगरानी की जा रही है.
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इन अलगाववादी नेताओं के खिलाफ भी आरोप तय
यासीन मलिक के अलावा अदालत ने शब्बीर शाह, मसर्रत आलम, फारूक अहमद डार उर्फ बिट्टा कराटे, मोहम्मद अकबर खांडे, राजा मेहराजुद्दीन कलवाल, बशीर अहमद भट्ट, मोहम्मद यूसुफ शाह, आफताब अहमद शाह, अल्ताफ अहमद शाह, नईम खान, जहूर अहमद शाह वटाली, शब्बीर अहमद शाह, अब्दुल राशिद शेख समेत अन्य कश्मीरी अलगाववादी नेताओं के खिलाफ ये आरोप तय किए थे. जांच एजेंसी द्वारा दायर की गई चार्जशीट में लश्कर-ए-तैयबा के संस्थापक हाफिज सईद और हिजबुल मुजाहिदीन के प्रमुख सैयद सलाहुद्दीन का भी नाम था. फिलहाल वो इस मामले में भगोड़ा घोषित हो चुके हैं.
इमरान व आफरीदी ने किया यासीन का समर्थन
इधर, पाकिस्तान के पूर्र प्रधानमंत्री इमरान खान ने यासीन मलिक का समर्थन किया है. वहीं आफरीदी ने ट्विटर पर लिखा, ‘भारत जिस तरह से मानवाधिकार हनन के खिलाफ आवाज उठाने वालों को चुप कराने की कोशिश कर रहा है, वह व्यर्थ है. यासीन मलिक के खिलाफ लगाए गए मनगढ़ंत आरोप कश्मीर की आजादी के संघर्ष को रोक नहीं पाएंगे. मैं संयुक्त राष्ट्र से अपील करता हूं कि वह कश्मीरी नेताओं के खिलाफ इस तरह के अनैतिक ट्रोल्स को नोटिस में लें.’
India’s continued attempts to silence critical voices against its blatant human right abuses are futile. Fabricated charges against #YasinMalik will not put a hold to #Kashmir‘s struggle to freedom. Urging the #UN to take notice of unfair & illegal trails against Kashmir leaders. pic.twitter.com/EEJV5jyzmN
— Shahid Afridi (@SAfridiOfficial) May 25, 2022
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