Ranchi: जी हां. राज्य के पूर्व खनन सचिव IAS Pooja Singhal (आइएएस पूजा सिंघल) की पहचान बुधवार से बदल गई है. अब वह कैदी नंबर – 1187 के तौर पर जानी जायेंगी. इंफोर्समेंट डाईरेक्टोरेट (ईडी) की विशेष अदालत ने आज ही उन्हें न्यायिक हिरासत में जेल भेजा है. जहां उन्हें एक नंबर उपलब्ध कराया गया है. आम बोल-चाल की भाषा में यह नंबर जेल में बंद किसी “कैदी” की पहचान होती है. हालांकि टेक्निकल भाषा में अभी उन्हें बंदी ही माना जायेगा. सजा सुनाये जाने के बाद किसी को कैदी माना जाता है. इसलिए उन्हें जो नंबर मिला है, तकनीकि भाषा में उसे बंदी नंबर कहा जाता है.
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जहां भी रहीं भ्रष्टाचार के आरोप लगे
पूजा सिंघल वर्ष 2000 बैच की आइएएस अधिकारी हैं. हजारीबाग में एसडीओ के पद पर पदस्थापन के साथ उन्होंने कैरियर की शुरुआत की. बाद में चतरा, खूंटी, पलामू जिले की डीसी के पद पर पदस्थापित रहीं. पहले पति राहुल पुरवार से तलाक के बाद उन्होंने अभिषेक झा से शादी की. अभिषेक झा रांची में स्थित पल्स नाम की जांच घर और अस्पताल के मालिक हैं. सरकार में पूजा सिंघल ने कृषि सचिव समेत अन्य पदों पर काम किया. गिरफ्तारी से पहले वह खनन सचिव के पद पर पदस्थापित थीं. खूंटी, चतरा और पलामू जिला में डीसी के पद पर रहते हुए कथित रुप से भ्रष्टाचार करने के मामले में ईडी ने उन्हें गिरफ्तार करके जेल भेजा है. इससे पहले ईडी के अफसरों ने 14 दिनों तक पूजा सिंघल से पूछताछ की.
छापेमारी में 19 करोड़ से अधिक नकद मिले
पूजा सिंघल, उनके पति अभिषेक झा और चार्टर्ड एकाउंटेंट सुमन कुमार के ठिकानों पर छापेमारी के दौरान ईडी को 19 करोड़ से अधिक रुपये नकद मिले. इसके अलावा कखित रूप से माइनिंग माफिया से जुड़े होने के दस्तावेज मिलने की बात भी सामने आयी है. लगातार दो दिनों तक पूछताछ करने के बाद ईडी ने बुधवार को उन्हें अदालत में पेश किया. जहां से उन्हें जेल भेज दिया गया.
निलंबित आईएएस पूजा सिंघल प्रकरण में ईडी की जांच लगातार जारी है. मंगलवार को भी ईडी ने रांची में विशाल चौधरी, अनिल झा और निशित केसरी के ठिकानों पर छापेमारी की थी. ईडी ने विशाल चौधरी को हिरासत में लिया था, लेकिन पूछताछ के बाद उसे छोड़ दिया गया. वहीं छापेमारी के क्रम में विशाल के अशोक नगर रोड नंबर-6 स्थित आवास से पांच करोड़ रुपये की बरामदगी भी हुई थी. ईडी को नोट गिनने के लिए दो मशीनें लानी पड़ी थीं.
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