NewDelhi : मोदी का करिश्मा अब खात्मे के कगार पर आ गया है. इस समय़ देश को एक विकल्प की जरूरत महसूस होने लगी है. लेकिन मोदी अपने पूर्ववर्ती मनमोहन सिंह से काफी जुदा हैं. वो अपने अंतिम समय तक लड़ाई कर बाजी को पलटने की कोशिश करेंगे. स्वराज इंडिया के संस्थापक और सामाजिक कार्यकर्ता के तौर पर अपनी पहचान रखने वाले योगेंद्र यादव ने यह विचार व्यक्त किये हैं.
मोदी सरकार का चेहरा मुरझाया हुआ देखने को मिल रहा है.
योगेंद्र यादव के अनुसार सात साल पूरे होने पर मोदी सरकार का चेहरा काफी मुरझाया हुआ देखने को मिल रहा है. कहा कि कोरोना की दूसरी लहर ने सरकार की जो नाकामी की तस्वीर पेश की उससे लोग हैरत में हैं. उन्हें मोदी सरकार ने इस तरह की उम्मीद नहीं थी. लोगों ने जिस तरह से खुद को बचाने के लिए अस्पताल और सड़कों पर संघर्ष किया उसने सरकार पर सवालिया निशान लगा दिया है. योगेंद्र यादव के अनुसार मौतों के आंकड़े ने तो मोदी भक्तों को भी सोचने पर मजबूर कर दिया है. वो भी मान रहे हैं कि संकट के समय में सरकार कहीं थी ही नहीं. मोदी की जो छवि गढ़ी गयी थी वो तार तार होकर बिखऱ गयी.
मोदी जितने सशक्त दिखते थे वो एक मिथक था
मोदी भक्तों को भी लगने लगा है कि पीएम का चीजों पर नियंत्रण नहीं है. सिस्टम उनके काबू से बाहर है. उन्हें लगता है कि मोदी जितने सशक्त दिखते थे वो एक मिथक था. श्री यादव ने कहा कि कि CAA आंदोलन ने दिखाया कि मुट्ठी भर लोग किस तरह से सरकार को चुनौती दे सकते हैं. किसान आंदोलन ने सरकार की साख पर बट्टा लगाया तो ममता ने पीएम को चारों खाने चित्त करके बता दिया कि राजनीति में वो ही सब कुछ नहीं हैं. सात साल तक राज करने वाले मोदी को लगने लगा है कि परेशानियां तो हर किसी को घेरती हैं.
कैसे मनमोहन सरकार अपना चार्म खोती चली गयी
यादव को मोदी सरकार का हाल देखकर 2012 की याद आती है कि कैसे मनमोहन सरकार अपना चार्म खोती चली गयी, ऐसा लगता है कि मोदी सरकार अपने झूठ के पहाड़ तले दबकर ही ढह जायेगी. योगेंद्र यादव की सलाह है कि विपक्ष को एकजुट होकर वेट वॉच की पालिसी पर चलना होगा. लेकिन यादव यह भी मानते हैं कि विपक्ष एक होगा तो मोदी को कहने का मौका मिलेगा कि एक को मारने के लिए सारे इकट्ठे हो गये. इससे उन्हें फायदा भी मिल सकता है.
विपक्ष को एक साथ मिलकर लड़ाई लड़ने से ही सफलता मिलेगी
योगेंद्र यादव के अनुसार बावजूद इसके विपक्ष को एक साथ मिलकर लड़ाई लड़ने से ही सफलता मिलेगी, लेकिन उसके लिए उन्हें एक चेहरा ऐसा चाहिए जो सभी दलों को एकजुट रख लोगों का भरोसा जीत सके. मोदी को हराने के लिए जरूरी है कि जुमलों के बजाय जनता को एक तस्वीर दिखाई जाये जिसमें सारी चीजें दुरुस्त कैसे की जाये इसका रोडमैप भी हो. उनका कहना है कि मोदी सरकार फिलहाल चुप्पी साधे है. उसे पता है कि लोग गुस्से में हैं. लेकिन मोदी मौका आने पर लोगों के बीच जाकर पलटवार करेंगे. मोदी अपने पूर्ववर्ती की तरह आसानी से हार नहीं मानेंगे.