Ranchi : अभी कुछ माह पूर्व पीएम नरेन्द्र मोदी के जन्मदिन पर भी कुछ ऐसा ही हुआ था. देश के पढ़े- लिखे, प्रतिभावान युवाओं के समूह ने रोजगार के मुद्दे पर पूरे देश में आवाज बुलंद की थी. झारखंड स्थापना दिवस को नियुक्ति पत्र की प्रतीक्षा कर रहे 4913 पंचायत सचिव व लिपिक अभ्यर्थियों का दस्तावेज सत्यापन हुए 1 वर्ष से अधिक हो गये, लेकिन अंतिम मेघा सूची का इंताजर कर रहे, नियुक्ति की आस में बैठे युवाओं ने 16 नवंबर को “बेरोजगारो दिवस” की घोषणा के साथ ही इसे लेकर पूरे सोशल मीडिया पर अभियान छेड़ दिया है.
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12 दिनों तक चला था आमरण अनशन
पिछले दिनों रांची स्थित मोहराबादी बाबु वाटिका मे पंचायत सचिव व लिपिक की नियुक्ति पूरा कराने की मांग पर व्यक्तिगत सत्याग्रह व आमरण अनशन का आयोजन हुआ था, जो 12 दिनों तक चला था. एक हजार के करीब सफल अभ्यार्थी इस आमरण अनशन में शामिल हुए थे. तब 11 सदस्य वाली कांग्रेस प्रतिनिधिमंडल ने 4913 पंचायत सचिव व लिपिक की नियुक्ति समय बद्ध तरीके से 15 नवंबर तक पूरी करने का आश्वासन दिया था.
नियोजन नीति
झारखंड हाई कोर्ट में नियोजन नीति संबंधित केस में पंचायत सचिव बहाली को लेकर साफ तौर पर अपने आदेश में पारा 47 व 66 में कहा गया है कि सोनी कुमारी बनाम झारखंड सरकार केस मे “पंचायत सचिव व लिपिक” नियुक्ति पर झारखंड हाईकोर्ट ने कभी भी रोक नहीं था न ही किसी भी प्रकार से सोनी कुमारी केस से उसका तालुकात है. नियोजन नीति के फैसला से पहले कि सभी नियुक्ती राजस्व कर्मचारी ,अमीन दरोगा ,शिक्षक की नियुक्ति पूरा करा ली गई पर 4913 पंचायत सचिव व लिपिक अभ्यार्थी अभी भी आंदोलन की राह पर हैं.
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ट्वीटर पर चला अभियान
अभ्यार्थी ट्वीटर के जरिये अपना अभियान चला रहे है और #Jharkhand_berojgar_diwas के नाम से ट्रेंड कर रहा है. ट्वीटर के जरिये अभ्यर्थी अपना संदेश सीएम तक पहुंचाना चाहते हैं. अभ्यार्थियों ने कांग्रेस पर वादाखिलाफी का आरोप लगाते हुए प्रदेश कार्यालय के बाहर तख्तियां लगाकर प्रदर्शन भी किये.
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