Ranchi: बीजेपी के प्रदेश प्रवक्ता कुणाल षाड़ंगी ने कहा है कि राज्य सरकार ने 50 करोड़ की राजस्व हानि का मसौदा तैयार किया है. नयी उत्पाद नीति में से राज्य के खजाने को काफी नुकसान हो रहा है. उन्होंने कहा कि ओडिशा, छत्तीसगढ़ जैसे राज्यों में भी बिवरेज कॉरपोरेशन के माध्यम से शराब बिकती है, लेकिन झारखंड में इस व्यवस्था को निरस्त करते हुए संथाल परगना सिंडिकेट को स्थापित किया गया है. शराब का पूरा कारोबार तिवारी बंधुओं के हाथ में दे दिया गया है.
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तीन ही बैंक से सारा कारोबार
कुणाल षाड़ंगी ने कहा कि राज्य सरकार ने सारे नियम कानून को दरकिनार कर यह प्रस्ताव कैबिनेट में लाया. 24 जिले में एक-एक लाइसेंसी को शराब का कारोबार सौंप दिया गया. रांची में भी एक ही शराब कारोबारी को ठेका मिला है. अगर इनके बैंक दस्तावेज को देखें तो स्पष्ट दिखता है की तीन ही बैंक के माध्यम से सारा लेन-देन हो रहा है, जिनमें से एसबीआई, पीएनबी और यूनियन बैंक ऑफ इंडिया मिहिजाम शामिल है.
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सभी कारोबारियों का तिवारी बंधुओं से संबंध
इतना ही नहीं जितने भी लाइसेंसी कारोबारी जिलों में शराब का कारोबार कर रहे हैं, उनका पहले से कहीं ना कहीं तिवारी बंधुओं के साथ व्यापारिक संबंध रहा है. सरकार ने राज्य के शराब कारोबार को पूरी तरह से सिंडिकेट के हवाले कर दिया है. उन्होंने कहा कि यह जालसाजी के साथ-साथ मनी लॉन्ड्रिंग का भी मामला है. बीजेपी पूरे मामले की जांच किसी स्वतंत्र एजेंसी से कराने की मांग करती है. पार्टी राज्यपाल से भी मांग करती है कि मामले की जांच करायी जाये. यह खुले तौर पर लूट की साजिश है, इसपर रोक लगे.