Lagatar Desk : कार्तिक मास के अमावस्या के दिन दिवाली मनायी जाती है. ऐसी मान्यता है कि इस दिन मां लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा करने से सालों भर घर में सुख और समृद्धि बनी रहती है. माना जाता है कि दिवाली के दिन मां लक्ष्मी की पूजा करने से मां जल्दी प्रसन्न हो जाती है. और अपने भक्तों पर अपनी कृपा बनाये रखती है. इस दिन मुख्य तौर पर मां लक्ष्मी, भगवान गणेश, देवी सरस्वती, महाकाली की पूजा होती है. इस दिन पूजा प्रदोष काल में किया जाता है.
अमावस्या के दिन शाम और रात में पूजा किया जाता है. पुराणों के अनुसार कार्तिक मास की अमावस्या की रात को देवी लक्ष्मी स्वयं धरती पर आती हैं. और अपने भक्तों के घर विचरण करती है. इस लिए लोग दिवाली से पहले घर और आस-पास सफाई करते है. दिवाली में सफाई रहने से मां लक्ष्मी वहां ठहर जाती है. दिवाली वाले दिन कुबेर देवता की पूजा भी होती है.
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मां लक्ष्मी पूजा की विधि
पूजा से पहले पूरे घर की सफाई कर लें. और घर पर गंगाजल का छिड़काव करें.
घर को अच्छे से सजाये और मुख्य द्वार पर रंगोली बनाये.
जिस स्थान पर पूजा करना है वहां लकड़ी की चौकी रखें. और उसमें लाल रंग का कपड़ा बिछाये.
फिर वहां मां लक्ष्मी और भगवान गणेश की प्रतिमा स्थापित करें.
चौकी के पास पानी से भरा मिट्टी का कलश रखें.
मां लक्ष्मी और भगवान गणेश की प्रतिमा पर तिलक लगाये.
प्रतिमा के समक्ष घी का दीपक जलाये.
दीपक जलाकर उन्हें जल, मौली,गुड़, हल्दी, चावल, फल, अबीर-गुलाल आदि अर्पित करें.
इसके बाद देवी सरस्वती, मां काली, श्री हरि और कुबेर देव की विधि विधान पूजा करें
महालक्ष्मी पूजा के बाद तिजोरी, बहीखाते और व्यापारिक उपकरणों की पूजा करें.
अंत में माता लक्ष्मी की आरती जरूर करें और उन्हें मिठाई का भोग लगाएं.
प्रसाद घर-परिवार के सभी सदस्यों में बांट दें.
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पूजा मुहूर्त
लक्ष्मी पूजा प्रदोष काल मुहूर्त – 06:09 PM से 08:04 PM
लक्ष्मी पूजा निशिता काल मुहूर्त – 11:39 PM से 12:31 AM, नवम्बर 05
अमावस्या तिथि प्रारम्भ – नवम्बर 04, 2021 को 06:03 AM बजे
अमावस्या तिथि समाप्त – नवम्बर 05, 2021 को 02:44 AM बजे
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