Lagatar Team
रांची में जमीन लूट का खेल नया नहीं है. लेकिन अब इस काम में सरकारी तंत्र भी शामिल हो गया है. नया मामला रांची के हेहल अंचल का है. यहां करोड़ों की जमीन पर कई पाबंदियों के बावजूद बाउंडरी वॉल खड़ी की जा रही है. रोक के बावजूद जमाबंदी और रजिस्ट्री हो रही है. करोड़ों रुपये में जमीन खरीदी और बेची जा रही है, जबकि जमीन पर धारा 144 लगी हुई है. रांची जोन के कमिश्नर ने नये सिरे से पूरे मामले की जांच करने की बात अपनी रिपोर्ट में कही है. लेकिन इससे हेहल के बजरा मौजा में जमीन माफिया को कोई फर्क नहीं पड़ रहा है. करीब 120 एकड़ जमीन को जबरन दखल कर बेचने की तैयारी की जा रही है. मामले को देखते हुए साफ है कि इस जमीन लूट के खेल में जमीन माफिया को लोकल प्रशासन की खुलेआम मदद मिल रही है. प्रोजेक्ट को नाम दिया गया है- पंडित देवकी रियल्टी, कटहल मोड़ रांची.
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धारा 144 लगने के बाद शुरू हुआ बाउंडरी वॉल का काम
अमूमन देखा जाता है कि जिस जमीन पर एसडीएम की तरफ से धारा 144 लगा दी जाती है, तो उस जमीन पर यथास्थिति लागू हो जाती है. किसी तरह का काम नहीं होता है. लेकिन इस जमीन के मामले में ऐसा नहीं हुआ. हेहल अंचल के पंडरा थाना प्रभारी ने खाता 119 की प्लॉट संख्या 336 (19.50 एकड़) पर हो रहे विवाद के बारे में रांची एसडीएम को लिखा. थाना प्रभारी ने लिखा कि विवादित भूमि को लेकर कभी भी दोनों पक्षों के बीच तनाव बढ़ सकता है. शांति व्यवस्था भंग हो सकती है. इसे आधार मानते हुए रांची सदर के एसडीएम ने जमीन पर धारा 144 लगा दी. एसडीएम ने इस जमीन पर 60 दिनों के लिए धारा 144 लगायी और इन्हीं 60 दिनों में कमाल यह हुआ कि धारा 144 लगते ही उस जमीन पर माफिया का कब्जा होना शुरू हो गया. ऊंची-ऊंची बाउंडरी वॉल बननी शुरू हो गयी. बताया जाता है कि प्रशासन के बड़े अधिकारी की मदद से ऐसा हो पाना संभव हो पाया. सवाल यह भी उठा कि जब पुलिस ने ही जमीन पर धारा 144 लगाने की वकालत की थी तो आखिर कैसे पुलिस की आंखों के सामने ही वहां धारा 144 के बाद काम होना शुरू हो गया.
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कमिश्नर की रिपोर्ट को प्रशासन कर रहा नजरअंदाज
इस जमीन का मामला डीसी के पास गया था.डीसी ने जांच के बाद एक पक्ष को गलत माना और उसकी जमाबंदी रद्द करने का आदेश दिया. जिस पक्ष के खिलाफ डीसी ने फैसला दिया उसने कमिश्नर के यहां अपील की. कमिश्नर ने अपनी जांच रिपोर्ट में डीसी के आदेश को स्थगित किया और दोनों पक्ष की बात सुनकर फिर से फैसला सुनाने का निर्देश दिया. नियम के मुताबिक अगर कमिश्नर ने डीसी के फैसले पर रोक लगायी तो जमाबंदी भी रद्द नहीं होनी चाहिए. लेकिन हेहल अंचलाधिकारी ने कमिश्नर की रिपोर्ट को दरकिनार कर जमाबंदी रद्द कर दी.
जब धारा 144 लगी तो मैं थाना प्रभारी नहीं थाः पंडरा थाना प्रभारी
इस मामले पर पंडरा थाना प्रभारी से लगातार…की टीम ने बात की. उन्होंने कहा कि इस मामले में मुझे जानकारी नहीं है. मैं यहां दिसंबर में आया हूं. इसलिए मुझे इस बात की जानकारी नहीं है. साथ ही कहा गया है कि उनकी तरफ से कई बार धारा-144 लगाने के लिए प्रशासन को लिखा गया है. लेकिन आदेश नहीं मिल पाया है.
नोटः इस मामले पर बात करने के लिए हेहल सीओ दिलीप कुमार से बात करने की कोशिश की गयी. लेकिन उन्होंने फोन रिसीव नहीं किया.