उत्तराखंड के चमोली में ग्लेशियर टूटने से भारी तबाही की आशंका जतायी जा रही है. ग्लेशियर टूटने से कई मजदूरों की जान जाने की भी खबर मिल रही है. चमोली के रेणी गांव के ग्लेशियर टूटा है. आस-पास के कई घर पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गये है. प्रशासन की टीम मौके पर पहुंच कर राहत काम करने में जुटी हुई है.
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पावर प्रोजेक्ट ऋषि गंगा को भारी नुकसान पहुंचा है
ग्लेशियर टूटने से पावर प्रोजेक्ट ऋषि गंगा को भारी नुकसान पहुंचा है. साथ ही धौलीगंगा ग्लेशियर की तबाही के साथ तपोवन में बैराज को भी भारी नुकसान हुई है. अभी स्थिति पूरी तरह से स्पष्ट नहीं हो पाई है कि इस तबाही में कितना नुकसान हो पाया है.
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रैणी गांव में निर्माणाधीन 24 मेगावाट के हाइड्रो प्रोजेक्ट का बैराज टूट गया
मिली जानकारी के अनुसार रविवार सुबह एवलांच के बाद चमोली जिले के अंर्तगत ऋषिगंगा नदी पर रैणी गांव में निर्माणाधीन 24 मेगावाट के हाइड्रो प्रोजेक्ट का बैराज टूट गया. जिससे मलबे और पानी का तेज बहाव धौलीगंगा की ओर बढ़ा. रैणी से करीब 10 किमी दूर तपोवन में धौलीगंगा नदी पर निर्माणाधीन 520 मेगावाट की विद्युत परियोजना का बैराज भी टूट गया. दोनों प्रोजेक्ट पर काम कर रहे बड़ी संख्या में मजदूरों के बहने की सूचना है. इस घटना से बड़े जान- माल के नुकसान की आशंका जतायी जा रही है.
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सीएम ने अफवाहों पर ध्यान नहीं देने को कहा
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा, ‘चमोली जिले से एक आपदा का समाचार मिला है. जिला प्रशासन, पुलिस विभाग और आपदा प्रबंधन को इस आपदा से निपटने की आदेश दे दिए हैं. किसी भी प्रकार की अफवाहों पर ध्यान ना दें. सरकार सभी जरूरी कदम उठा रही है.
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