Barhi : हजारीबाग के बरही में विभिन्न मांगों को लेकर जियाडा के विस्थापित 6 दिनों से धरने पर बैठे हैं. इसमें कोनरा पंचायत के ग्रामीण शामिल हैं. रैयत विस्थापितों का कहना है कि उन्हें कंपनी की ओर से ना तो मुआवजा मिला है और न स्थानीय लोगों को रोजगार. इसलिए आंदोलन के अलावा उनके पास कोई विकल्प नहीं था.
इसे भी पढ़ें- घाटशिला : रोटी, कपड़ा और मकान के तर्ज पर काम कर रही है हेमंत सरकार – विधायक
75% स्थानीय लोगों को नहीं मिला रोजगार-रैयत
एचपीसीएल बोटलिंग प्लांट के सामने धरने पर बैठे रैयतों ने कहा कि किसी को मुआवजा भी मिला, तो काफी कम पैसे का भुगतान किया गया. इस कंपनी में 75% स्थानीय लोगों को रोजगार देने की जरूरत थी. लेकिन कंपनी ने इस बात को भी नजरअंदाज कर दिया. यह आंदोलन रियाडा रैयत अधिकार संघ के बैनर तले किया जा रहा है. इस संबंध में बरही एसडीओ के माध्यम से डीसी को विभिन्न मांगों से संबंधित ज्ञापन सौंपा गया है. उनकी मांगों पर जब तक सार्थक विचार नहीं किया जाएगा, आंदोलन जारी रहेगा.
इसे भी पढ़ें- हजारीबाग: शिड्यूल बनाकर करें पढ़ाई, सफलता आपके कदमों में होगी: रोशन राज
[wpse_comments_template]