Jodhpur : वायुसेना ने सोमवार को देश में विकसित 10 हल्के लड़ाकू हेलीकॉप्टर को सोमवार को औपचारिक रूप से अपने बेड़े में शामिल कर लिया. इससे वायुसेना की ताकत में भारी इजाफा हुआ है. यह हेलीकॉप्टर कई मिसाइलों और अन्य हथियारों को दागने में सक्षम है. पाकिस्तान और चीन की सीमाओं पर दुश्मन का खात्मा करने में भी सक्षम होगा. इसे हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड ने विकसित किया है. इसे मुख्य रूप से उच्च ऊंचाई वाले क्षेत्रों में तैनाती के लिए डिजाइन किया गया है. इस लड़ाकू हेलीकॉप्टर को ‘प्रचंड’ नाम दिया गया है.
For a long time, there was a need for attack helicopters & during the 1999 Kargil war, its need was felt seriously. The LCH is a result of research & development for two decades. And its induction into IAF is an important milestone in defence production: Defence Minister R Singh pic.twitter.com/zU5KrCUjwk
— ANI (@ANI) October 3, 2022
दो इंजन वाले इस हेलीकॉप्टर का वजन 5.8 टन
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी की मौजूदगी में इसे शामिल किया गया. इसे शामिल करने से पहले जोधपुर एयरबेस पर पूजा पाठ हुई और मंत्रोच्चारण किया गया. राजनाथ सिंह ने इस हेलीकॉप्टर से उड़ान भरी. 5.8 टन वजन के और दो इंजन वाले इस हेलीकॉप्टर से पहले ही कई हथियारों के इस्तेमाल का परीक्षण किया जा चुका है. इस मौके पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि भारतीय वायुसेना ने देश की सुरक्षा में महत्वपूर्ण रोल अदा किया है. चाहे वो आतंरिक खतरे हों या बाहरी युद्ध भारतीय वायुसेना ने हमेशा ही अपने साहस और बहादुरी से राष्ट्रीय सुरक्षा को मजबूत किया है. गौरतलब है कि इस साल मार्च में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में सुरक्षा मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति ने स्वदेश में विकसित 15 एलसीएच को 3,887 करोड़ रुपये में खरीदने के लिए मंजूरी दी थी.
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अंधेरे में दुश्मन को पता लगे बिना खात्मा करने में माहिर
वायुसेना के अधिकारियों का कहना है कि एलसीएच ‘एडवांस लाइट हेलीकॉप्टर’ ध्रुव से समानता रखता है. इसमें ‘स्टील्थ’ (राडार से बचने की) विशेषता, बख्तरबंद सुरक्षा प्रणाली, रात को हमला करने और आपात स्थिति में सुरक्षित उतरने की क्षमता है. इस खासियत से यह अत्याधुनिक हेलीकॉप्टर रात के अंधेरे में दुश्मन को पता लगे बिना खात्मा करने में माहिर है.
10 वायुसेना में और 5 सेना के बेड़े में होंगे शामिल
अधिकारियों ने कहा है कि 5.8 टन वजनी दो इंजन वाले लाइट कॉम्बैट हेलीकॉप्टर्स का पहले ही विभिन्न हथियारों से फायरिंग परीक्षण पूरा किया जा चुका है. रक्षा मंत्रालय ने जानकारी दी है कि 10 हेलीकॉप्टर भारतीय वायुसेना के लिए और पांच भारतीय सेना के लिए होंगे. अधिकारियों के अनुसार, इन स्वदेशी हेलीकॉप्टरों में कई खासियत हैं जो सेना को युद्ध के दौरान काफी सहायता दे सकते हैं. दुश्मन की खोज और खुद के बचाव (सीएसएआर), दुश्मन की वायु रक्षा (डीईएडी) को नष्ट करने और आतंकवाद विरोधी ( सीआई) संचालन इसकी खूबियों में हैं. इन हेलीकॉप्टरों को ऊंचाई वाले बंकर-बस्टिंग ऑपरेशन, जंगलों और शहरी वातावरण में आतंकवाद विरोधी अभियानों के साथ-साथ जमीनी बलों की मदद करने के लिए भी तैनात किया जा सकता है. स्वदेश में विकसित एलसीएच के शामिल होने से भारतीय वायुसेना की दक्षता में वृद्धि होगी.
जानिए, 10 बड़ी खासियत
- लाइट कॉम्बेट हेलीकॉप्टर यानि एलसीएच हेलीकॉप्टर का वजन करीब 6 टन है, जिसके चलते ये बेहद हल्का है जबकि अमेरिका से लिए गए अपाचे हेलीकॉप्टर का वजन करीब 10 टन है.
- वजन कम होने के चलते एलसीएच हाई ऑल्टिट्यूड एरिया में भी अपनी मिसाइल और दूसरे हथियारों से लैस होकर टेकऑफ और लैंडिंग कर सकता है.
- एलसीएच अटैक हेलीकॉप्टर में फ्रांस से खास तौर से ली गई ‘मिस्ट्रल’ एयर टू एयर यानी हवा से हवा में मार करने वाले मिसाइल और हवा से जमीन पर मार करने वाले मिसाइल से लैस है.
- एलसीएच में 70 एमएम के 12-12 रॉकेट के दो पॉड लगे हुए हैं.
- इसके अलावा एलसीएच की नोज यानी फ्रंट में एक 20एमएम की गन लगी हुई है जो 110 डिग्री में किसी भी दिशा में घूम सकती है.
- पायलट के हेलमेट पर ही कॉकपिट के सभी फीचर्स डिस्पले हो जाते हैं.
- एलसीएच स्वदेशी अटैक हेलीकॉप्टर को करगिल युद्ध के बाद से ही भारत ने तैयार करने का मन बना लिया था. क्योंकि उस वक्त भारत के पास ऐसा अटैक हेलीकॉप्टर नहीं था जो 15-16 हजार फीट की उंचाई पर जाकर दुश्मन के बंकर्स को तबाह कर सके. इस प्रोजेक्ट को 2006 में मंजूरी दी गई.
- पिछले 15 सालों की कड़ी मेहनत के बाद जाकर ये लाइट कॉम्बेट हेलीकॉप्टर तैयार हुआ है.
- रक्षा मंत्रालय के अनुसार इन हेलीकॉप्टरों में 45% स्वदेशी उपकरण हैं, जिसे बाद के संस्करणों में बढ़ाकर 55% कर दिया जाएगा.
- यह हेलीकॉप्टर अधिक सक्रिय, गतिशील, एक्सटेंडेड रेंज, ऊंचाई के इलाकों और चौबीसों घंटे तैनाती, लड़ाई के दौरान सर्च और रेस्क्यू, दुश्मन के एयर डिफेंस पर हमला और काउंटर इंसर्जेंसी ऑपरेशन की भूमिका निभाने के लिए हर मौसम में मुकाबला करने में सक्षम है.
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