Manoharpur (Ajay singh) : पुराना मनोहरपुर सामुदायिक भवन में बुधवार को लोहार समाज जनकल्याण समिति के बैनर तले एक बैठक का आयोजन किया गया.बैठक में समाजहीत पर विचार विमर्श किया गया.साथ ही समाज के लोगो ने कहा कि लोहार समाज का रीति रिवाज पूर्ण आदिवासियों जैसा है.झारखंड के युग पुरुष बिरसा मुंडा भी तीर और कुल्हाड़ी का उपयोग करके अंग्रेजों से लोहा लिया था.उन्हें तीर और कुल्हाड़ी लोहार समाज के द्वारा ही बना कर दिया गया था.हम भी धरतीपुत्र हैं.जल जंगल जमीन पर हमारा भी उतना ही अधिकार है. फिर भी हमें सरकार आदिवासी मानने से इनकार कर रही है, जबकि लोहार और लोहरा समाज एक ही है.
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लोहरा समाज को आदिवासी का दर्जा दिया गया है. लोहार समाज के साथ सरकार भेदभाव कर रही है. हमें पेंडुलम की तरह झुला कर रख दिया है. कभी आदिवासी बनाया जाता है.तो कभी पिछड़ी जाति का प्रमाण पत्र दिया जाता है. अब लोहार समाज सरकार से अपने अधिकार को लेने के लिए एकजुट होकर जोरदार तरीके से अपनी मांग को रखेगी. इसको लेकर 17 दिसंबर को लोहार समाज का आम बागान हाथी चेकनाका में एक विशाल जनसभा का आयोजन किया जाएगा. इसमें लोहार समाज के 3 हजार लोग एकजुट होंगे.
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विशाल जनसभा को सफल बनाने हेतु 25 गांव में समाज के लोगों द्वारा पर्यवेक्षक का नियुक्त किया गया है. मौके पर मधुसूदन लोहार, राजकुमार लोहार दीपक लोहार, अमरेश विशवकर्मा, राजकुमार लोहार, दयानंद लोहार, कमल लोहार, अर्जुन लोहार, लैब लोहार, सावन लोहार, गणेश लोहार, विदेशी लोहार, गिरीश लोहार, दिनेश लोहार, महेश लोहार, संजय लोहार, मंगल लोहार, यशवंत लोहार, अनिल लोहार समेत काफी संख्या में समाज के लोग उपस्थित थे.