Ranchi : होटल रांची अशोक के कर्मचारियों ने शुक्रवार को होटल के पिछले गेट के समक्ष धरना-प्रदर्शन किया. होटल के कर्मचारी बकाये वेतन की मांग और होटल के हस्तांतरण की प्रक्रिया पूरी नहीं होने को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं. होटल के वरिष्ठ कर्मचारी पंकज कुमार ने कहा कि होटल हस्तांतरण की प्रक्रिया पूरी नहीं होने के कारण झारखंड सरकार में उनका समायोजन नहीं हुआ है. जिस वजह से पिछले दो वर्षों से अधिक का वेतन उन्हें नहीं मिला है. उन्होंने कहा कि एक ओर आदिवासी दिवस मनाया जा रहा है. लेकिन होटल के एक आदिवासी कर्मचारी महादेव उरांव का होटल हस्तांतरण का इंतजार करते-करते ब्रेन स्टोक से मौत हो गयी. दो वर्षों से अधिक समय बीतने के बावजूद उसके परिवार को उसके बकाए वेतन का भुगतान नहीं किया गया है, जो शर्मनाक है. पंकज ने कहा कि केंद्र और झारखंड सरकार चाहती है कि हम बचे हुए कर्मचारी स्वैच्छिक सेवानिवृति ले लें. लेकिन जब हमने उनकी इच्छा के अनुरूप काम नहीं किया तो हमें उनके द्वारा प्रताड़ना दी जा रही है. वो कुछ भी करें हम स्वैच्छिक सेवानिवृति नहीं लेंगे, चाहे मर ही क्यूं न जाएं.
दीपक कुमार सहाय ने कहा, केंद्र सरकार और बिहार सरकार दोनों मिली हुई है, इसलिए हस्तांतरण की प्रक्रिया पूरी नहीं की जा रही है. अब हमारे सामने मरने के सिवा कोई दूसरा विकल्प नहीं बचा है. इसलिए 15 अगस्त को हम होटल के समक्ष आत्मदाह करने के लिए विवश हैं. वहीं ओमप्रकाश ने कहा कि अब लड़ाई आरपार की है. अब हम आत्मदाह करेंगे या सरकार हमारी हत्या करवा दे, यही एक विकल्प है. जीतू सिंह और बिरेंद्र प्रसाद ठाकुर का रो-रोकर बुरा हाल था. उन्होंने कहा कि सरकार ने हमारा परिवार तबाह कर दिया है. हमारा वर्तमान और भविष्य दोनों खतरे में आ गया है.
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