Darbhanga: जिले की कुशेश्वरस्थान विधानसभा क्षेत्र के विधायक शशिभूषण हजारी अब नहीं रहे. उनका निधन गुरुवार के तड़के दिल्ली स्थित सर गंगाराम अस्पताल में इलाज के दौरान हो गया. वे 56 वर्ष के थे. विधायक डायबिटीज, नस एवं लीवर से संबंधित रोग से ग्रस्त थे. 19 जून को रौता स्थित आवास पर उनकी तबीयत अचानक खराब हो गई. तत्काल गांव में ही इलाज किया गया. लेकिन, स्थिति में सुधार नहीं होने पर पटना के एक निजी अस्पताल में भर्ती किया गया. जहां से उन्हें दिल्ली के गंगाराम अस्पताल में भर्ती कराया गया. लेकिन, इलाज के दौरान उनका निधन हो गया. उनके निधन पर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शोक प्रकट किया है. सीएम नीतीश ने कहा है कि उनके निधन से मैं मर्माहत हूं. शशिभूषण हजारी का अंतिम संस्कार राजकीय सम्मान के साथ किया जाएगा.
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कुशेश्वरस्थान के जदयू विधायक का राजनीतिक सफर
शशिभूषण हजारी अपना राजनीतिक सफर 1990 के दशक में आरएसएस एवं जनसंघ से शुरू किया. 1994 में नीतीश कुमार के नेतृत्व में समता पार्टी के गठन के बाद वह उसमें शामिल होकर सक्रिय रूप से पार्टी को मजबूत करने में जुट गए. 1995 के बिहार विधानसभा के चुनाव में समता पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ा. लेकिन चुनाव हार गए. शशिभूषण 2010 के बिहार विधानसभा के चुनाव में 78 कुशेश्वरस्थान विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र से भारतीय जनता पार्टी के टिकट पर चुनाव जीत कर पहली बार विधायक बने. वे नवगठित कुशेश्वरस्थान विधानसभा के पहले विधायक चुने गए. 2015 व 2020 के चुनाव में जदयू के टिकट पर जीतकर लगातार तीसरी बार विधायक बने थे.
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विधानसभा उपाध्यक्ष महेश्वर हजारी के चाचा थे शशिभूषण
जदयू विधायक शशिभूषण बिहार विधानसभा के उपाध्यक्ष महेश्वर हजारी के चाचा भी थे. उनके निधन के बाद इलाके में शोक की लहर है. दरभंगा के सांसद गोपालजी ठाकुर ने इसे अपूर्णीय क्षति बताया है. वहीं दरभंगा नगर के विधायक संजय सरावगी ने कहा कि दिवंगत विधायक बेहद शांत और मृदुभाषी स्वभाव के व्यक्ति थे. उनका निधन जिले के लिए अपूर्णीय क्षति है.
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