Abhilasha Shahdeo
LagatarDesk : अगर आप चाय के शौकीन हैं, तो ये खबर आपके लिए बिल्कुल भी अच्छी नहीं है. भारत में लोग दिन की शुरुआत चाय की चुस्कियों के साथ करते हैं. जितने चाय के शौकीन हैं, उतनी ही तरह की अलग-अलग पत्तियां भी हैं. लेकिन क्या आपको पता है कि कोरोना काल में चाय की चुस्की कितनी महंगी हो गयी है. अगर नहीं पता, तो हम आपको बताते हैं. चायपत्ती की कीमत में एक-दो नहीं बल्कि पूरे सौ रुपये की वृद्धि हुई है.
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चार तरह की खुली चायपत्ती बाजार में उपलब्ध
बाजारों में पैकेट बंद पत्ती के अलावा आमतौर पर चार तरह की खुली चायपत्ती बिकती है. BP में मीडियम दाना की खुली चायपत्ती होती है. OP में महीन दाना की तथा BOP और BOPSN में मोटे दाने की चायपत्ती होती है.
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लॉकडाउन के बाद सीधे 100 रुपये की बढोतरी
भारत टी हाउस के अजय कुमार मंडल ने बताया कि BP कैटेगरी की चायपत्ती लॉकडाउन से पहले 50 से 500 रुपये तक की मिलती थी, जो लॉकडाउन के बाद 150 से 600 रुपये हो गयी. चायपत्ती की कीमत में लगभग 100 रुपये बढ़ोतरी हो गयी है. इसी तरह OP, BOP और BOPSN कैटेगरी की खुली चायपत्ती की कीमत में भी 100 रुपये की वृद्धि हुई है.
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बाजार में लोकप्रिय ब्रांडों के भी दाम बढ़े
अपर बाजार में स्थित एमवी स्टोर के पवन शर्मा ने बताया कि बाजार में तीन ब्रांड की पैकेटबंद चायपत्ती सर्वाधित लोकप्रिय है. RED LABEL, TATA TEA Gold और Taaza.
RED LABEL की कीमत में 60 रुपये की वृद्धि
पवन शर्मा ने बताया कि RED LABEL का दाम 2020 में 300 रुपये प्रति किलो था, जो 2021 में 360 रुपये पहुंच गया. इतने कम अंतराल में चायपत्ती का दाम 60 रुपये बढ़ गया.
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TATA TEA में सर्वाधिक 100 रुपये की बढ़ोतरी
TAZA TEA की कीमत 2020 में 240 रुपये प्रति किलो थी, जो 2021 में 340 रुपये हो गयी. इस चायपत्ती की कीमत में 100 रुपये की बढ़ोतरी हुई है.
2020 की तुलना में 100 रुपये देने पड़ रहे अधिक
TATA GOLD की कीमत 2020 में 436 रुपये प्रति किलो थी, जो 2021 में 500 रुपये प्रति किलो हो गयी. इतने कम समय में लगभग 76 रुपये की बढ़ोतरी चायपत्ती में हुई है. दुकान विक्रेता ने बताया कि मार्केट में सबसे ज्यादा TATA GOLD चायपत्ती बिकती है. अगर घरेलू बजट पर असर देखें तो पहले 1 किलो चायपत्ती के लिए 400 रुपये देने पड़ते थे. उसी चायपत्ती के लिए लॉकडाउन के बाद 500 रुपये देने पड़ रहे हैं. एक मिडिल क्लास ग्राहक के बजट में लगभग 100 रुपये का बोझ इस चाय ने डाला है.
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एक किलो चायपत्ती बनाने में 200 रुपये का होता है खर्च
लॉकडाउन से पहले बागान से तोड़ी जानेवाली चाय की ताजी हरी पत्ती 30 रुपये किलो मिलती थी. मई-जून 2020 में यह बढ़कर 45 रुपये प्रति किलो हो गयी. रांची में अपर बाजार के भारत टी हाउस ने बहुत ही रोचक बात बतायी. मंडल ने बताया कि 1 किलो चायपत्ती बनाने में 4.5 किलो ताजी हरी पत्ती का इस्तेमाल होता है. इस हिसाब से 1 किलो चायपत्ती की लागत 200 रुपये पड़ती है. लागत के साथ ट्रांस्पोर्टेशन, पैकेजिंग, लेबर चार्ज, टैक्स, कमीशन और मुनाफा आदि जोड़ कर चाय का MRP तय होता है.
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