Adityapur : बायो कचरे का प्रॉपर निष्पादन करने को लेकर मंगलवार को एसिया हॉल में प्रदूषण नियंत्रण पर्षद और अस्पताल, नर्सिंग होम व पैथोलॉजी संस्थाओं के संचालकों के साथ इंटरेक्शन प्रोग्राम आयोजित की गई. इस प्रोग्राम में प्रदूषण नियंत्रण पर्षद के क्षेत्रीय निदेशक जितेंद्र कुमार सिंह और कंसल्टिंग एक्सक्यूटिव अमृता मिश्रा ने बायो मेडिकल कचरा उत्पन्न करने वाले संस्थानों को चेतावनी दी. उन्होंने कहा कि अगर आप कचरे को प्रॉपर तरीके से एनजीटी के गाइडलाइन का पालन करते हुए निष्पादित नहीं करते हैं तो आपको बायो मेडिकल वेस्ट मैनेजमेंट रूल 2016 के तहत पांच साल की कैद और एक लाख रुपये का जुर्माना देना होगा.
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कचरों के निस्तारण को लेकर बताये गये तरीके
इस इंटरेक्शन प्रोग्राम में कोल्हान के तीनों जिले के करीब 300 अस्पताल, नर्सिंग होम व पैथोलॉजी संचालन करनेवाले संस्थानों के प्रतिनिधि शामिल हुए. इस दौरान उन्हें बताया गया कि किस प्रकार आप बायो मेडिकल निस्तारक ऐजेंसी के साथ जुड़कर, अपना रजिस्ट्रेशन कराकर, प्रॉपर तरीके से बार कोड जेनरेट कर कचरों को चार अलग-अलग रंग के पैकेट में जमा कर निस्तारण कर सकते हैं. इंटरेक्शन प्रोग्राम में बायो कचरा निस्तारक एजेंसी आदित्यपुर वेस्ट मैनेजमेंट प्राइवेट लिमिटेड दुगनी और बायो जेनरेटिक लैब प्राइवेट लिमिटेड रामगढ़ के प्रतिनिधि भी शामिल थे.
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मेंबरशिप को लेकर नर्सिंग होम संचालक हुए आक्रोशित
वहीं, प्रोग्राम के दौरान कई नर्सिंग होम के संचालक इस पर आपत्ति जताते हुए आक्रोशित हो गए कि आखिर एग्रीमेंट में हमें फर्स्ट पार्टी बनाकर हमसे ही क्यों मेंबरशिप और सिक्योरिटी मनी ली जा रही है. अगर हमसे पैसे लेकर कचरा निस्तारक एजेंसी भाग गई तो इसका जवाबदेह कौन होगा? चूंकि इससे पहले भी कई कंपनी पैसे लेकर भाग चुकी है. हालांकि, इन्हें समझा-बुझाकर शांत कराकर विश्वास दिलाया गया तब प्रोग्राम को आगे बढ़ाया गया.
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कोल्हान के आधे अस्पतालों का बायो कचरे का प्रॉपर निष्पादन नहीं
वहीं, प्रदूषण नियंत्रण पर्षद के क्षेत्रीय निदेशक जितेंद्र कुमार सिंह ने बताया कि कोल्हान में कुल सरकारी और गैर सरकारी 414 अस्पताल व नर्सिंग होम हैं. लेकिन प्राप्त जानकारी और संग्रह किये गए आंकड़ों के अनुसार 245 अस्पताल व नर्सिंग होम ही अपने बायो कचरे को कॉमन इफ्यूलेंट ट्रीटमेंट प्लांट में भेजते हैं. उन्होंने बताया कि हमारे यहां दो कॉमन इफ्यूलेंट ट्रीटमेंट प्लांट हैं, पहला दुगनी सरायकेला और दूसरा बायो जेनेरिक रामगढ़ हजारीबाग में है. दुगनी सीईटीपी में 148 और रामगढ़ सीईटीपी में 97 अस्पताल व नर्सिंग होम बायो कचरा भेजते हैं.
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