Adityapur : आदित्यपुर नगर निगम क्षेत्र में सापुरजी पालमजी के द्वारा जारी सीवरेज योजना का कार्य देख रहे प्रोजेक्ट मैनेजर बाला जी ने काम छोड़ दूसरे कंपनी को ज्वाइन कर लिया है. उनके जगह पर नए प्रोजेक्ट मैनेजर जय शंकर बासु ने कार्यभार संभाला है. जिन के समक्ष बड़ी चुनौती है, अधूरे कार्य को पूरा कराने की. फिलहाल उन्होंने अभी योजनाओं को समझने और समीक्षा करने की बात कही है. बता दें कि आदित्यपुर नगर निगम में 2018 से सीवरेज योजना चल रही है. पांच साल बीतने के बाद भी योजना का काम विभिन्न विभागों और लोकल इश्यू के वजह से अटका पड़ा है. सीवरेज की ग्राउंड रिपोर्ट में जो बात सामने आई है उसमें कुल 42 किलोमीटर क्षेत्र में एनओसी की पेंच अब भी फंसी है. सीवरेज योजना में जहां 26 किलोमीटर पाइप लाइन वन विभाग, पथ निर्माण विभाग और रेलवे की वजह से अटकी पड़ी है. वहीं 16 किलोमीटर आवास बोर्ड के एनओसी की वजह से फंसी है.
इसे भी पढ़ें :आदित्यपुर : बांसुरी और शहनाई की कला ने दृष्टिहीन कुश कारवा को देश-विदेशों में दिलाई पहचान
450 करोड़ की सीवरेज योजना का शिलान्यास किया था
बता दें कि मार्च 2018 में तत्कालीन मुख्यमंत्री रघुवर दास ने 450 करोड़ की सीवरेज योजना का शिलान्यास किया था. तब 30 माह में इस योजना को पूरा करने का लक्ष्य रखा गया था. योजना का टेंडर सापुरजी पालमजी जैसे बड़ी कंस्ट्रक्शन कंपनी को दी गई थी. इस योजना में नगर निगम के सभी 35 वार्डों में 135 किलोमीटर पाइप लाइन बिछाने के साथ छह पम्पिंग स्टेशन और 4 सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट का निर्माण होना था.
इसे भी पढ़ें :जमशेदपुर: रुपये की लेन-देन विवाद में की गयी गुलशन की हत्या, आरोपी गिरफ्तार
सभी एसटीपी का कार्य प्रगति पर किंतु दो पम्पिंग स्टेशन में लोकल इश्यू की बाधा
योजना के साथ 42 किलोमीटर में पाइप लाइन बिछाने की एनओसी की बाधा के साथ दो पम्पिंग स्टेशन को बनाने में बाधा आई हुई है. जबकि चार सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट का कार्य फिलहाल निर्बाध रूप से चल रहा है. जिस पम्पिंग स्टेशन में बाधा है उसमें नगर निगम कार्यालय के सामने कल्पनापुरी में श्मशान भूमि की बाधा है.
इसे भी पढ़ें :त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव : रांची के 4 प्रखंडों के 30 मुखिया उम्मीदवार को मिली जीत
फ्लैट के आगे या पीछे चैंबर बनाने में फंसी है 16 किलोमीटर पाइप लाइन बिछाने का कार्य
सीवरेज का पाइप लाइन आवास बोर्ड के पुराने क्वार्टरों के आगे या पीछे बिछाई जाए इस उलझन में 16 किलोमीटर पाइप लाइन बिछाने का कार्य अटका पड़ा है. चूंकि यहां के लोग क्वार्टरों के पीछे छोड़ी गई कॉमन यूटिलिटी के जगह में सीवरेज पाइप लाइन बिछाने की जिद पर अड़े हैं. जबकि प्राक्कलन में पाइप लाइन आगे बिछाने का प्रावधान है.