Ranchi : झारखंड हाईकोर्ट ने कुणाल प्रियांक के द्वारा दाखिल LPA को खारिज कर दिया है. इसके साथ ही अदालत ने JPSC की दलील को सही ठहराया है. प्रार्थी की ओर से अदालत में यह तर्क दिया गया कि उन्होंने JPSC के निर्देश के मुताबिक समय पर अपने सभी दस्तावेज पोस्ट के माध्यम से भेज दिये थे, लेकिन डाक विभाग की लेटलतीफ़ी के कारण दस्तावेज समय पर JPSC तक नहीं पहुंचा, जिसके बाद JPSC ने अहर्ता रखने के बाद भी उनकी नियुक्ति नहीं की.
डाक विभाग JPSC से संबद्ध नहीं
जिसपर JPSC के अधिवक्ता संजोय पिपरवाल और अधिवक्ता प्रिंस कुमार ने पक्ष रखते हुए कहा कि डाक विभाग JPSC से संबद्ध नहीं है. साथ ही विज्ञापन में इस बात का ज़िक्र नहीं किया गया था कि आवेदकों को डाक के माध्यम से ही दस्तावेज भेजने हैं. दोनों पक्षों को सुनने के बाद अदालत ने प्रार्थी कुणाल प्रियांक की याचिका ख़ारिज कर दी. JPSC ने मेडिकल ऑफिसरों की नियुक्ति के लिए विज्ञापन संख्या 7/21 निकाली गई थी. झारखंड हाईकोर्ट के न्यायाधीश जस्टिस एस चंद्रशेखर और जस्टिस रत्नाकर भेंगरा की अदालत में इस मामले की सुनवाई हुई.
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