Patna: बिहार में महागठबंधन की सरकार बनते ही विवाद शुरू हो गया है. विपक्ष भाजपा नवनियुक्त कानून मंत्री कार्तिकेय सिंह उर्फ कार्तिक कुमार के बहाने सीएम नीतीश कुमार पर निशाना साधा है. अपहरण कांड में कार्तिकेय सिंह के खिलाफ अरेस्ट वारंट जारी होने के बाद राजनीति गर्मा गई है. बीजेपी ने उन्हें तुरंत पद से हटाने की मांग की है.
कार्तिकेय सिंह को बर्खास्त करें नीतीश-सुमो
पूर्व डिप्टी सीएम सुशील मोदी ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार तुरंत कानून मंत्री कार्तिकेय सिंह को बर्खास्त करें. जिस दिन उन्हें कोर्ट में सरेंडर करना था, उस दिन वे मंत्री पद की शपथ ले रहे थे. सुशील मोदी ने बुधवार को मीडिया से बातचीत में कहा कि कार्तिकेय सिंह जेल में सजा काट रहे पूर्व विधायक अनंत सिंह के दाहिने हाथ हैं. उनपर अपहरण से जुड़े मामले में वारंट जारी हुआ था, वे सरेंडर करने के बजाय मंत्री बन जाते हैं. यह सीएम नीतीश की मजबूरी है. सरेंडर नहीं करना बहुत बड़ा अपराध है. फरार होकर मंत्री पद की शपथ ले रहे हैं, ये बिहार के जंगलराज की ओर जाने की निशानी है.
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“सोची समझी रणनीति के तहत बनें कानून मंत्री”
सुशील मोदी ने आरोप लगाया कि कार्तिकेय सिंह को सोची समझी रणनीति के तहत कानून मंत्री बनाया गया, ताकि कार्तिकेय मंत्री बनकर आरजेडी के नेताओं के खिलाफ चल रहे मुकदमों को रफा-दफा कर सकें. मंत्री बनाने से पहले उनका पुलिस वेरिफिकेशन तक नहीं किया गया.
नीतीश की मजबूरी-सुशील मोदी
सुशील मोदी ने कहा कि अपराधियों को कैबिनेट में शामिल करना नीतीश कुमार की मजबूरी है. ऐसा लंबे समय तक रहने वाला है. नीतीश चाहकर भी अच्छे चेहरों को सरकार में शामिल नहीं कर पाएंगे. आने वाले दिनों में जेडीयू का आरजेडी में विलय हो जाएगा, या विलीन हो जाएंगे. नीतीश अंतिम पारी खेल रहे हैं, उसके बाद जेडीयू में कुछ नहीं है.
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