Bokaro : उपायुक्त-सह-जिला पदाधिकारी ने जिले के सभी स्कूल के प्राचार्य को पत्र भेजकर शिक्षण शुल्क के आभाव में विद्यार्थियों को परीक्षा से वंचित नहीं करने का आदेश दिया है.
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छात्राओं के भविष्य पर पड़ रहा नकारात्मक असर
उपायुक्त ने कहा कि इस संबंध में लगातार अभिभावकों से शिकायत मिल रही है कि विद्यार्थियों का शिक्षण शुल्क जमा नहीं होने के कारण विद्यालय संस्थान व उसके प्रबंधन द्वारा छात्र, छात्राओं को शुल्क जमा करने के लिए दवाब दिया जा रहा है. इसके साथ ही शुल्क नहीं जमा करने वाले विद्यार्थियों को परीक्षा में सम्मिलित नहीं होने देने की सूचना मिल रही है. ऐसे में छात्र, छात्राओं के भविष्य पर नकारात्मक असर पड़ रहा था.
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विद्यालय प्रबंधन के विरुद्ध आवश्यक कार्रवाई की जायेगी
उपायुक्त ने जारी आदेश में कहा है कि गृह मंत्रालय, भारत सरकार एवं राज्य सरकार द्वारा समय-समय पर निर्गत दिशा-निर्देश के आलोक में सभी निजी विद्यालय व संस्थान के प्रबंधन को निर्देशित किया जाता रहा है. कि विद्यार्थियों का विद्यालय शुल्क जमा नहीं होने की स्थिति में किसी भी विद्यार्थी को परीक्षा में सम्मिलित होने से वंचित नहीं किया जायेगा.
यदि किसी भी विद्यालय प्रबंधन द्वारा शिक्षण शुल्क जमा नहीं रहने की स्थिति में परीक्षा में सम्मिलित होने से वंचित किया जाता है. तो संबंधित विद्यालय प्रबंधन के विरुद्ध विधिसम्मत आवश्यक कार्रवाई की जायेगी.
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आदेश का कड़ाई से पालन कराया जाये
इस संबंध में उपायुक्त ने अनुमण्डल पदाधिकारी, बेरमो (तेनुघाट) एवं चास, तथा जिला शिक्षा पदाधिकारी, बोकारो, जिला शिक्षा अधीक्षक, बोकारो को भी निर्देश दिया है कि पत्र की प्रति सभी निजी विद्यालय प्रबंधन को उपलब्ध कराते हुए उपरोक्त आदेश का कड़ाई से पालन कराना सुनिश्चित करेंगे.
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अभिभावकों ने उपायुक्त से की थी शिकायत
कोरोना काल में विद्यार्थियों के अभिभावकों की आर्थिक स्थिति खराब हो जाने के कारण वे स्कूल फीस जमा करने की स्थिति में नहीं होने की शिकायत कर रहे थे. लेकिन विद्यालय प्रबंधन स्कूल बंद के दौरान का भी फीस लेने के जिद पर अड़े हुए है. लगातार विद्यार्थियों पर दवाब बना रही है. विद्यालय प्रबंधन के इस रवैये के खिलाफ अभिभावकों ने स्कूल प्रबंधन से लेकर उपायुक्त तक को इसकी शिकायत दर्ज कराई गयी थी.
अभिभावकों के इसी शिकायत पर उपायुक्त ने उक्त आदेश दिया है. उपायुक्त के इस आदेश से फौरी तौर पर अभिभावकों को राहत मिली है, लेकिन स्कूल प्रबंधन इस आदेश को कितना मानती है यह आने वाले दिनों में पता चलेगा.
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