Bermo: बोकारो जिला के बेरमो कोयलांचल में डीएमएफ फंड का उचित तरीके से उपयोग नही किया जा रहा है. इससे प्रभावित क्षेत्र के लोग लाभ से वंचित हैं. इस क्षेत्र के पंचायत प्रतिनिधि भी अपने क्षेत्र के लिए गंभीर नहीं है. इस कारण जिला प्रशासन, सांसद और विधायक जो शासी निकाय के मुख्य प्रतिनिधि हैं, वे मनमाने तरीके से इस फंड का दुरूपयोग कर रहे हैं. दामोदर बचाओ अभियान के संयोजक गुलाब चंद्र कहते हैं कि डीएमएफ की राशि को माइनिंग एरिया में खर्च किया जाना था, लेकिन प्रशासन उसे दूसरे मद और क्षेत्र में खर्च कर दुरूपयोग कर रहा है.
कई दशकों से इन खदानों के खनन से कंपनियों लाभ मिलता रहा है. इसके अलावा यहां काम करने वाले लोगों और सरकारों को भी लाभ मिलता रहा है. लेकिन खनन क्षेत्र में रहने वाले लोगों को खनन के कारण न सिर्फ अपनी जगह से विस्थापित होना पडा है, बल्कि समाज का विखंडन और प्रदूषण जैसे नकारात्मक प्रभाव को भी झेलना पड़ रहा है.
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प्रभावित क्षेत्र से बाहर हो रहा खर्च
प्रभावित क्षेत्र के लोगों के लिए डीएमएफ फंड का गठन किया गया है. इस मद की राशि को खनन प्रभावित क्षेत्र में रहनेवाले समुदाय, लोग और सामाजिक, आर्थिक और पर्यावरण से संबंधित मदों पर खर्च करना है. जो नहीं हो पा रहा है.
इस पर 2 फरवरी को बोकारो जिला खनिज फाउण्डेशन ट्रस्ट के न्यास परिषद की बैठक हुई थी. इसमें गिरीडीह सांसद और गोमिया विधायक मौजूद थे. वे इस मद को खनन प्रभावित क्षेत्र में खर्च की अनुशंसा करने के बजाय राजनीतिक लाभ के लिए पेटरवार और कसमार प्रखंड में किया गया. इस कारण प्रभावित क्षेत्र के लोग इस लाभ से वंचित हैं. पुनः 4 दिसबंर को बैठक हुई. इसमें भी खनन क्षेत्र से बाहर के एरिया में इस राशि को खर्च करने की अनुशंसा की गई, जो नियम विरूद्ध है.
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