Bermo: गोमिया के ग्रामीण क्षेत्रों में हाथियों का उत्पात जारी है. हाथियों के डर से ग्रामीणों को रात भर नींद नहीं आती. वन विभाग हाथियों को भगाने में लाचार साबित हो रहा है. जानकारी मिली है कि विभाग के पास हाथी भगाने का समुचित साधन उपलब्ध नहीं है. 7 जनवरी रात के करीब 12 बजे हाथियों का झुंड गोमिया प्रखंड के सियारी पंचायत के छोटकी कोयोटांड़ गांव में घुस आया तथा अनंत लाल महतो का घर क्षतिग्रस्त करने के साथ-साथ घर में रखे धान, गेहूं और महुवा खा गया. हाथियों ने स्कूल का दीवार भी तोड़ डाले. ग्रामीणों ने बताया कि हाथियों की संख्या 7-8 थी, जिसमें दो बच्चा हाथी भी था. अनंतलाल महतो पत्नी और बच्चे समेत घर के छत पर चढ़कर किसी तरह अपनी जान बचाई. हाथियों के झुंड ने बड़की कोयोटांड़ निवासी झरी महतो, भुनेश्वर महतो, अशोक महतो के खेत में लगे फसल को भी नुकसान पहुंचाया. छोटकी कोयोटांड़ गांव के बाद हाथियों का झुंड गोसे ग्राम जा पहुंचा तथा नव प्राथमिक विद्यालय का दीवार गिरा दिया.
झुमरा पहाड़ के तलहटी में बसे गांवों में हाथियों का आतंक
झुमरा पहाड़ के तलहटी में बसे गांवों में पिछले एक सप्ताह से हाथियों के आंतक से ग्रामीण परेशान हैं. यहां 24 हाथियों का समूह है, जो गांव में घुस आता है. नवाडीह प्रखंड के ऊपरघाट स्थित गांवों में 5 जनवरी की रात डेगागढ़ा, लहिया और बड़काडीह में हाथियों के झुंड ने उत्पात मचाया. डेगागढ़ा के मोहन मुर्मू और बड़काडीह के लोधा मांझी के खपरैल घर को क्षतिग्रस्त करने के साथ-साथ अनाज चट कर गया. लहिया के सुल्तान अंसारी का चाहरदीवारी तोड़ने के साथ-साथ खेत में लगे रवि फसल को नष्ट कर दिया. हाथियों की गर्जना सुनकर मोहन मुर्मू और लोधा मांझी सपरिवार भागकर जान बचाई. झुमरा पहाड़ के तलहटी में बसे कई गांवों में भी हाथियों का आंतक है. हाथियों के डर से ग्रामीण अपने-अपने घर के छत पर सो रहे हैं.
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