Chandigarh : पंजाब में चुनाव आचार संहिता लगने से महज़ कुछ घंटे पहले पंजाब के डीजीपी (डायरेक्टर जनरल ऑफ पुलिस) सिद्धार्थ चट्टोपाध्याय पर गाज गिरी है. पंजाब सरकार ने उन्हें हटाकर वीके भावरा को नया डीजीपी बनाया है. जान लें कि पीएम मोदी की सुरक्षा चूक मामले में डीजीपी चट्टोपाध्याय कठघरे में थे. खबरों के अनुसार पंजाब में चुनाव आचार संहिता लगने से पूर्व पंजाब सरकार ने यूपीएससी पैनल को आईपीएस अफसरों के नाम भेजे थे.
इनमें से वीके भावरा को नया डीजीपी नियुक्त किया गया है. वीके भावरा 1987 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं. जान लें कि वे विजिलेंस चीफ के तौर पर भी काम कर चुके हैं.
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आईपीएस सिद्धार्थ चट्टोपाध्याय नवजोत सिंह सिद्धू के करीबी थे
सूत्रों के अनुसार पंजाब में सरकार (कैप्टन) बदलने के साथ ही कैप्टन अमरिंदर सिंह के करीबी दिनकर गुप्ता जान गये थे कि वो डीजीपी के पद से हटा दिये जायेंगे, इसीलिए वे छुट्टी पर चले गये थे. इसके बाद कार्यकारी डीजीपी के पद पर आईपीएस सहोता को अतिरिक्त चार्ज दिया गया , लेकिन नवजोत सिंह सिद्धू के विरोध के बाद सिद्धू के करीबी आईपीएस सिद्धार्थ चट्टोपाध्याय को डीजीपी का अतिरिक्त चार्ज दिया गया था.
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तो इलेक्शन कमिशन को डीजीपी नियुक्त करने का अधिकार मिल जाता
जान लें कि यूपीएससी को जो 10 आईपीएस अफसरों के नामों का पैनल पंजाब सरकार ने भेजा था उसमें अप्रूव हुए तीन नामों में सिद्धार्थ चट्टोपाध्याय का नाम शामिल नहीं था, इसीलिए कोड ऑफ कंडक्ट लगने से चंद घंटे पहले ही पंजाब सरकार ने आनन-फानन में वीके भांवरा को पंजाब का नया डीजीपी नियुक्त कर दिया. अगर कोड ऑफ कंडक्ट लगने से पहले पंजाब सरकार डीजीपी का नाम तय ना करती तो ऐसे में इलेक्शन कमिशन को डीजीपी नियुक्त करने का अधिकार मिल जाता.
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