NewDelhi : केंद्र की मोदी सरकार द्वारा गांधी परिवार से जुड़े एक गैर सरकारी संगठन राजीव गांधी फाउंडेशन (RGF) पर बड़ी कार्रवाई किये जाने की खबर है, सूत्रों के अनुसार आज रविवार को MHA ने राजीव गांधी फाउंडेशन का लाइसेंस रद्द कर दिया गया है. गृह मंत्रालय की यह कार्रवाई फोरेन कन्ट्रीब्यूशन (रेगुलेशन) एक्ट (Foreign Contribution (Regulation) Act) के तहत की गयी है. फाउंडेशन पर विदेशी फंडिंग कानून के कथित उल्लंघन का आरोप है.
गृह मंत्रालय सूत्रों के अनुसार जुलाई 2020 में MHA ने जांच कमेटी बनाई थी, उसकी रिपोर्ट के आधार पर लाइसेंस रद्द करने का फैसला लिया गया है. सूत्रों के अनुसार लाइसेंस कैंसिल करने का नोटिस राजीव गांधी फाउंडेशन के ऑफिस बियरर को भेज दिया गया है. जान लें कि पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी RGF की अध्यक्ष तथा पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा ट्रस्टियों में शामिल हैं.
Centre cancels FCRA licence of Rajiv Gandhi Foundation for violating norms
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— ANI Digital (@ani_digital) October 23, 2022
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1991 में हुई थी फाउंडेशन की स्थापना
RGF की वेबसाइट पर नजर डालें तो राजीव गांधी फाउंडेशन (आरजीएफ) की स्थापना पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के विजन को पूरा करने के लिए साल 1991 में की गयी थी. फाउंडेशन की ऑफिशियल वेबसाइट rgfindia.org पर दी गई जानकारी के अनुसार 1991 से 2009 तक फाउंडेशन ने स्वास्थ्य, साक्षरता, स्वास्थ्य, विज्ञान और प्रौद्योगिकी, महिला और बाल विकास, निःशक्तजनों को सहायता, पंचायती राज संस्थाओं, प्राकृतिक संसाधन प्रबंधन, और पुस्तकालयों समेत कई मुद्दों पर काम किया है.
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फाउंडेशन पर चीन से फंडिंग का आरोप
जून 2020 में भाजपा ने फाउंडेशन पर विदेशी फंडिंग का आरोप लगाया था. तत्कालीन कानून मंत्री और भाजपा नेता रविशंकर प्रसाद ने दावा किया था कि चीन ने राजीव गांधी फाउंडेशन के लिए फंडिंग की है. प्रसाद ने कहा था कि एक कानून है जिसके तहत कोई भी पार्टी बिना सरकार की अनुमति के विदेश से पैसा नहीं ले सकती. कांग्रेस स्पष्ट करे कि इस डोनेशन के लिए क्या सरकार से मंजूरी ली गयी थी? उन्होंने दावा किया था कि राजीव गांधी फाउंडेशन के लिए 2005-06 की डोनर की सूची है. इसमें चीन के एम्बेसी ने डोनेट किया- ऐसा साफ लिखा है. ऐसा क्यों हुआ? क्या जरूरत पड़ी? इसमें कई उद्योगपतियों, पीएसयू का भी नाम है. क्या यह काफी नहीं था कि चीन एम्बेसी से भी रिश्वत लेनी पड़ी. उन्होंने दावा किया कि चीन से फाउंडेशन को 90 लाख की फंडिंग की गयी.