Bhagalpur: कोविड के बाद मरीजों के लिए ब्लैक फंगस नयी मुसीबत बनती जा रही है. समय पर दवा नहीं मिलने से इलाज में परेशानी हो रही है. भागलपुर के मायागंज अस्पताल में ब्लैक फंगस (म्यूकोरमाइकोसिस) के मरीजों को जांच और इलाज की सुविधाएं नहीं मिल पा रही हैं. ब्लैक फंगस के मरीजों को तुरंत में इंजेक्शन नहीं मिल पाता है. दूसरी ओर ऑपरेशन करने वाली मशीन भी प्रक्रिया में ही उलझी है.
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दस बेड के वार्ड में हैं ब्लैक फंगस के मरीज
JLNMCH के ईएनटी विभाग के अध्यक्ष डॉ. एसपी सिंह का कहना है कि 30 बेड के ईएनटी विभाग में बीते एक जुलाई से दो वार्ड बना दिये गये हैं. पहले दस बेड के वार्ड को ब्लैक फंगस वार्ड में तो दूसरे 20 बेड के वार्ड को ईएनटी वार्ड में तब्दील कर दिया गया है. ईएनटी वार्ड में आठ मरीजों का इलाज चल रहा है तो ब्लैक फंगस वार्ड में भागलपुर के दो और बांका के एक मरीज का इलाज चल रहा है.
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डिब्राइडर मशीन खरीदी जाएगी
बता दें कि मायागंज के ईएनटी विभाग में अब तक ब्लैक फंगस के 20 मरीज भर्ती हो चुके हैं. इनमें से चार मरीज की मौत हो चुकी है. जबकि बांका निवासी एक ब्लैक फंगस का मरीज बिना चिकित्सक की सलाह के ही अस्पताल छोड़कर जा चुका है. बताया जाता है कि ब्लैक फंगस मरीजों की सर्जरी करने के लिए जरूरी डिब्राइडर मशीन की खरीद प्रक्रिया शुरू हुए करीब सवा माह बीत चुके हैं. लेकिन अब तक खरीदी नहीं गयी है. जबकि ब्लैक फंगस के मरीजों के लिए जरुरी लाइपोसोमल इंफोटेरिसिन बी इंजेक्शन भी नहीं उपलब्ध हो पा रहा है. जेएलएनएमसीएच अधीक्षक डॉ. असीम कुमार दास का कहना है कि डिब्राइडर मशीन की खरीद के लिए पटना पत्र भेजा गया है. उम्मीद है कि जल्द ही अस्पताल को ये मशीन मिल जायेगी. फिर ब्लैक फंगस मरीजों की सर्जरी शुरू हो जाएगी.
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