NewDelhi : बुधवार को केंद्रीय कैबिनेट की बैठक होने की खबर है. समाचार एजेंसी पीटीआइ ने सूत्रों के हवाले से कहा है कि केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में तीनों कृषि कानूनों की वापसी को मंजूरी दी जा सकती है. बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को गुरु नानक जयंती के अवसर पर राष्ट्र के नाम संबोधन में विवादों में घिरे तीन कृषि कानूनों को वापस लिये जाने की घोषणा की थी. कहा था कि इसके लिए संसद के आगामी सत्र में विधेयक लाया जायेगा.
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सरकार ने कृषि बजट में पांच गुना बढ़ोतरी की है
इस क्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने छोटे किसानों को लाभ पहुंचाने के लिए सरकार द्वारा उठाये कदमों का उल्लेख करते हुए कहा था कि सरकार ने कृषि बजट में पांच गुना बढ़ोतरी की है. सरकार हर साल 1.25 लाख करोड़ रुपए से अधिक राशि कृषि क्षेत्र पर खर्च कर रही है. हालांकि सरकार तीन नये कृषि कानून के फायदों को किसानों के एक वर्ग को समझाने में नाकाम रही. पीएम ने कहा था कि सरकार के लिए हर किसान अहम है, इसलिए इन कानूनों को वापस ले रहे हैं. साथ ही किसानों से आंदोलन खत्म करने की अपील करते हुए कहा था कि इसी महीने के अंत में शुरू हो रहे संसद के शीतकालीन सत्र में औपचारिक रूप से इन तीनों कानूनों को रद कर दिया जायेगा.
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एक साल से किसानों का धरना-प्रदर्शन चल रहा था
जान लें कि इन कानूनों को रद करने की मांग को लेकर एक साल से किसानों का धरना-प्रदर्शन चल रहा था. कहा जा रहा था कि पंजाब और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में कुछ किसानों का रुख भाजपा के लिए नुकसानदेह हो सकता था और कानून की वापसी के साथ इसे कम करने की कोशिश की गयी है.
जानकारो के अनुसार प्रधानमंत्री ने एक झटके में किसान आंदोलन की आड़ में रोटी सेंकने वाले राजनीतिक दलों से मुद्दा छीन लिया और उग्र हो रहे किसानों को राहत दे दी. साथ ही पंजाब और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में नये गठबंधन की राह भी तैयार हो गयी है. बुधवार को जहां करतारपुर कारिडोर खुला था वहीं शुक्रवार को गुरु पर्व के दिन प्रधानमंत्री मोदी ने कृषि कानून वापस लेने की घोषणा कर सबको चौंका दिया. किसान संगठनों से तत्काल इसका स्वागत किया.