Chakulia : चाकुलिया वन क्षेत्र के जंगलों में एक-एक कर फलदार वृक्षों के पुराने और बड़े पेड़ सूखते जा रहे हैं. प्रत्येक जंगल में बड़े पेड़ों को सूखे हुए हालत में सहज ही देखा जा सकता है. सिर्फ फलदार वृक्षों के पेड़ ही नहीं साल के भी पुराने पेड़ सूख रहे हैं. चाकुलिया हवाई पट्टी से सटे साल के जंगल में महुआ, काजू, जामुन और साल के अनेक सूखे पेड़ देखे जा सकते हैं. ऐसे पुराने वृक्षों के देखभाल के लिए वन विभाग के तहत कोई व्यवस्था नहीं है. जंगलों से धीरे-धीरे जामुन, महुआ समेत अन्य कई वृक्ष विलुप्त होते जा रहे हैं.
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वृक्ष पर लगी दीमक
हवाई पट्टी से सटे उक्त साल जंगल में दीमकों का भीषण प्रकोप है. वृक्षों की जड़ों के पास दीमकों के टीले हैं. वृक्ष पर भी दीमक लगी हैं. दीमकों के कारण वृक्ष के तने लाल दिखाई पड़ रहे हैं. वृक्षों के नष्ट होने का एक प्रमुख कारण दीमकों का प्रकोप है. दीमकों के कारण वृक्ष नष्ट हो रहे हैं. सूख चुके वृक्षों को ग्रामीण काट कर ले जाते हैं. वन विभाग द्वारा वृक्षों के रक्षा के लिए कोई उपाय नहीं किए जाते हैं. इनकी देखभाल के लिए वन विभाग के पास अलग से कोई फंड या योजना नहीं है. इसके कारण वृक्षों की देखभाल नहीं हो पाती है. प्रभारी वन क्षेत्र पदाधिकारी दिग्विजय सिंह ने कहा कि वृक्षों को बचाने के लिए विभाग वन सुरक्षा समितियों के माध्यम से प्रयास करेगा.
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