- छापामारी में 515 लीटर शराब बरामद, फैक्ट्री का उदभेदन
Chandil (Dilip Kumar) : उत्पाद विभाग और चांडिल थाना की पुलिस ने संयुक्त छापामारी अभियान चलाकर नकली शराब बनाने वाली फैक्ट्री का भंडाफोड़ किया है. चांडिल थाना क्षेत्र के भुईयांडीह गांव में एक मकान में नकली शराब बनाने का गौरखधंधा किया जाता था. इसकी जानकारी देते हुए सरायकेला-खरसांवा जिला के उत्पाद अधीक्षक बिमला लकड़ा ने बताया कि छापामारी दल ने अभियान के दौरान 26 पेटी शराब बरामद किया है. इसमें लगभग 235 लीटर शराब है.
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इसके साथ ही 14 जार में 280 लीटर रंगीन विदेशी शराब भी बरामद किया है. छापामारी अभियान के दौरान मकान से बड़ी संख्या में कॉर्क, लेबल रेपर, खाली बोतल, क्रैमल आदि बरामद किया गया है. बताया गया कि उक्त मकान में कई वर्षों से नकली शराब बनाने का काम किया जाता था. इसकी जानकरी मिलते ही उत्पाद विभाग ने चांडिल थाना की पुलिस के सहयोग से छापामारी कर धंधे का उदभेदन किया.
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छापामारी के दौरान छह गिरफ्तार
भुइयांडीह में उत्पाद विभाग और चांडिल थाना की पुलिस के संयुक्त छापामारी अभियान के दौरान छह लोगों को गिरफ्तार किया गया है. इस संबंध में चांडिल थाना प्रभारी वरुण यादव ने बताया कि नकली शराब बनाने के गौरखधंधे में संलिप्त गिरफ्तार सभी छह व्यक्ति जमशेदपुर के मानगो क्षेत्र के रहने वाले हैं. उन्होंने बताया कि जिस मकान में नकली शराब बनाने का धंधा किया जाता था, उसके मालिक का पता लगाया जा रहा है.
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नकली शराब बनाने का सरगना कौन है इसकी भी जानकारी जुटाई जा रही है. शराब बनाने के इस गौरखधंधे के संचालक और मकान मालिक का पता लगाकर उसके खिलाफ भी मामला दर्ज किया जाएगा. विदित हो कि चांडिल थाना क्षेत्र में दलमा से सटे इलाकों में एक के बाद एक कई नकली शराब फैक्ट्रियों का उदभेदन किया गया है. बावजूद इसके नकली शराब का धंधा बंद नहीं हो पा रहा है.
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अवैध शराब का कारोबार रोक नहीं पा रही आबकारी विभाग
दलमा की तराई में चांडिल, नीमडीह व अन्य थाना क्षेत्रों में अवैध रूप से नकली शराब का निर्माण किया जाता है. समय-समय पर आबकारी विभाग और पुलिस विभाग की ओर से इसका पर्दाफाश किया जाता रहा है. चांडिल थाना क्षेत्र में लगातार एक के बाद एक नकली शराब फैक्ट्री का उदभेदन किया गया है. शराब का बड़ा जखीरा पकड़ाए जाने के बाद भी ठिकाना बदलकर कारोबारी छापामारी में हुई क्षति की भरपाई के लिए अपना गौरखधंधा बढ़ा देते हैं.
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बताया जाता है कि गैरकानूनी धंधे में संलिप्त लोगों के विरूद्ध कोई ठोस कार्रवाई नहीं होने के कारण यह धंधा बंद होने के बजाय व्यापक रूप से फल-फूल रहा है. विभाग के लचीले कानून का फायदा भी कई बार आरोपियों को मिल जाता है. जिसका नतीजा है कि नामजद अभियुक्त भी खुलेआम घूमते हैं.