Chandil (Dilip Kumar) : ईचागढ़ विधानसभा क्षेत्र में हाथियों का उत्पात थमने का नाम नहीं ले रहा है. क्षेत्र की विधायक सविता महतो जब विधानसभा के बजट सत्र के दौरान हाथी से हो रही समस्या पर सवाल उठा रही थीं, वहीं उनके निर्वाचन क्षेत्र में जंगली हाथियों का झुंड उत्पात मचा रहा था. पिछले एक सप्ताह से ईचागढ़ प्रखंड क्षेत्र के कुटाम, बोडा व आसपास के क्षेत्र में जंगली हाथियों का झुंड उत्पात मचा रहे हैं. हाथियों के झुंड के क्षेत्र में पहुंचने के ग्रामीण दहशत में हैं. जंगली हाथियों का झुंड गांव के बाहर डेरा जमाए रहता है. वहीं एक हाथी गांव में घुसकर तबाही मचा रहा है. विधायक सविता महतो ने हाथियों के कारण त्राहिमाम कर रही जनता के दर्द को सरकार के समक्ष रखा. विभाग ने भी विधायक के सवालों का जबाव देते हुए हाथियों को जान व माल के नुकसान करने से रोकने के लिए विभागीय कर्मियों के प्रयत्नशील रहने की बात कही.
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एक सप्ताह से डेरा जमाए हैं हाथी
ईचागढ़ प्रखंड क्षेत्र के कुटाम व आसपास के क्षेत्र में एक सप्ताह से जंगली हाथियों का झुंड डेरा जमाए हुए है. हाथी ने एक मार्च को कुईडीह के पास एक व्यक्ति को कुचलकर मार दिया. मृतक 45 वर्षीय बुधराम गोप कुई गांव के रहने वाले थे. वे ईचागढ़ थाना क्षेत्र के चितरी स्थित अपने रिश्तेदार के घर से लौट रहे थे. इसी दौरान झाड़ियों के बीच स्थित खेत में हाथी ने उन्हें कुचलकर मार दिया. वहीं तीन मार्च को बोड़ा में तीन मकानों को क्षतिग्रस्त कर दिया. चार मार्च को एक हाथी ने बोडा गांव के ही एक व्यक्ति के घर के बाहर रखे धान को अपना निवाला बना लिया. वन विभाग के साथ हाथी भगाओ दस्ता हाथियों को वापस जंगल में भेजने के लिए क्षेत्र में जा रहे हैं, लेकिन वे अब तक हाथियों को वापस जंगल पहुंचाने में विफल रहे हैं.
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पेड़ पर मचान बनाकर पहरेदारी कर रहे लोग
हाथियों के झुंड के गांव पहुंचने के बाद से ग्रामीण दहशत की जिंदगी जीने पर विवश हैं. ईचागढ़ प्रखंड के बोडा गांव में दो माह पहले भी हाथी ने एक व्यक्ति की जान ले ली थी. तब से ग्रामीण सतर्कता के साथ रहने लगे हैं. ग्रामीण गांव के बड़े-बड़े पेड़ों पर मचान बनाकर हाथियों के झुंड से जान-माल की रक्षा करने की कोशिश कर रहे हैं. कई बार तो आंखों के सामने अपने पुरखों के मकान को हाथियों द्वारा तोड़ते हुए देखते हैं. संसाधनों के अभाव के कारण हाथियों को रोक नहीं पाते हैं. ग्रामीणों ने बताया कि मचान बनाकर पहरेदारी करने से इतना फायदा मिल रहा है कि वे अन्य ग्रामीणों को हाथियों के आने की सूचना तत्काल दे पाते हैं, जिससे लोगों की जान बच जा रही है. ग्रामीणों कहा कि अगर वन विभाग हाथी भगाने के लिए उन्हें प्रर्याप्त संसाधान मुहैया कराए तो वे अपनी सुरक्षा स्वयं कर लेंगे.