LagatarDesk : देश में एक तरफ महंगाई आसमान छू रही है. दूसरी तरफ बेरोजगारी दर बढ़ रही है. अप्रैल महीने में भी बेरोजगारी दर बढ़कर 7.83 फीसदी हो गयी. जो मार्च में 7.60 प्रतिशत थी. इससे पहले फरवरी में बेरोजगारी दर 8.10 फीसदी पर पहुंच गयी थी. सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी यानी CMIE की रिपोर्ट से यह बात सामने आयी है.
शहरी क्षेत्रों की स्थिति गांव से बदतर
CMIE रिपोर्ट की मानें को बेरोजगारी दर के मामले में शहरों की हालत गांवों से ज्यादा खराब है. शहरी क्षेत्रों में बेरोजगारी दर अप्रैल में 9.22 प्रतिशत हो गयी. जो मार्च में 8.5 फीसदी थी. वहीं ग्रामीण इलाकों में बेरोजगारी दर 7.10 फीसदी से बढ़कर 7.18 फीसदी पर पहुंच गयी है. CMIE आंकड़ों के अनुसार, हरियाणा में बेरोजगारी दर सबसे अधिक है. राज्य में 34.5 प्रतिशत लोग बेरोजगारी है. वहीं राजस्थान में बेरोजगारी दर 28.8 फीसदी दर्ज की गयी है. जबकि हिमाचल प्रदेश में बेरोजगारी दर सबसे कम 0.2 फीसदी दर्ज की गयी.
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झारखंड में 14.2 फीसदी दर्ज की गयी बेरोजगारी दर
झारखंड की बात करें मार्च की तुलना में अप्रैल में बेरोजगारी दर थोड़ी घटी है. अप्रैल में यहां बेरोजगारी दर 14.2 फीसदी दर्ज की गयी. जो पिछले महीने मार्च में 14.5 फीसदी थी. वहीं पश्चिम बंगाल में 6.2, तमिलनाडु में 3.2, पंजाब में 7.2, केरल में 5.8 और आंध्र प्रदेश में 5.8 फीसदी बेरोजगारी दर रिकॉर्ड की गयी.
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महंगाई और घरेलू मांग के कारण अर्थव्यवस्था की रफ्तार हुई कम
सीएमआईई का कहना है कि महंगाई के कारण घरेलू मांग कम हुई है. जिसकी वजह से अर्थव्यवस्था में सुधार की रफ्तार में सुस्ती आयी है. देश में आर्थिक गतिविधियां कमजोर होने से अप्रैल में 38 लाख कामगार कम हुए हैं. तमाम कोशिशों के बाद करोड़ों लोगों ने नौकरी की तलाश छोड़ दी है.
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