Ranchi : झारखंड पंचायत चुनाव में ओबीसी आरक्षण मामले में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई शुरू हो गयी है. उम्मीद है कि इस मामले में आज फैसला आ जाये है. इसका असर पंचायत चुनाव के प्रचार पर दिख रहा है. वर्तमान समय में तीसरे और चौथे चरण की नामाकंन प्रक्रिया चल रही है. इसके बाद भी पहले और दूसरे चरण में होने वाले चुनाव के लिए चुनाव प्रचार सुस्त पड़ गया है. उम्मीदवारों की नजर सुप्रीम कोर्ट में होने वाली सुनवाई पर टिकी है. (रांची की दूसरी खबरों को पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)
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पंचायत चुनाव को 6 माह के लिए रोके जाने की उड़ी अफवाह
कई उम्मीदवारों ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट में आज की हो रही सुनवाई के बाद ही वो चुनाव में अपना दमखम लगायेंगे. वहीं ग्रामीण इलाकों में इस तरह की अफवाह है कि सुप्रीम कोर्ट नें पंचायत चुनाव को 6 माह के लिए रोक दिया है. लगातार न्यूज की पड़ताल में चुनाव पर रोक वाली बात एक मात्र अफवाह के रुप में सामने आयी है. क्यों कि आज सुप्रीम कोर्ट में इस मामले में सुनवाई चल रही है.
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तीन जजों के बेंच हो रही सुनवाई
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट में 25 अप्रैल को इस मामले में सुनवाई हुई थी. तब तीन जजों की बेंच ने विस्तृत सुनवाई के लिए 4 मई की तारीख तय कर दी थी. सबसे पहले जस्टिस एएम खानविलकर और जस्टिस अभय एस ओका की अदालत ने इस मामले को सुना. अदालत ने मामले की गंभीरता को देखते हुए याचिका को तीन जजों के बेंच में स्थानांतरित कर दिया. बता दें कि गिरिडीह के आजसू सांसद चंद्र प्रकाश चौधरी ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर झारखंड में पंचायत चुनाव में पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) को आरक्षण देना सुनिश्चित किये जाने की मांग की है. उनकी ओर से दाखिल की गई याचिका में झारखंड सरकार और राज्य निर्वाचन आयोग को प्रतिवादी बनाया गया है. याचिका में कहा गया है कि झारखंड सरकार पिछड़ा वर्ग को आरक्षण दिए बगैर पंचायत चुनाव चाहती है.
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