LagatarDesk : कच्चे तेल के दामों में लगातार बढ़ोतरी हो रही है. 2021 में ब्रेंट क्रूड ऑयल की कीमतों में करीब 50 फीसदी का उछाल आया है. आने वाले समय इसकी कीमतों में और वृद्धि हो सकती है. कॉमोडिटी एनालिस्ट का अनुमान है कि 2022 में कच्चे तेल में तेजी बनी रहेगी.एनालिस्ट का कहना है कि ऑयल कंपनियां प्रोडक्शन क्षमता को नहीं बढ़ा रहे हैं. सप्लाई की मुकाबले डिमांड ज्यादा होने के कारण कच्चे तेल के दाम बढ़ रहे हैं. ऐसे में साल के अंत तक क्रूड ऑयल की कीमत 100 डॉलर प्रति बैरल तक पहुंच सकता है.
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बीते 70 दिनों से कच्चे तेल के भाव बढ़ने के बाद भी पेट्रोल-डीजल के दाम स्थिर
कच्चे तेल के दाम बढ़ने का सीधा असर पेट्रोल-डीजल के दामों पर पड़ेगा. अगर क्रूड ऑयल कीमतें बढ़ती हैं तो पेट्रोल-डीजल के दाम भी रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच सकते हैं. ऊर्जा विशेषज्ञों का कहना है कि अगर ऐसा हुआ तो भारत में पांच राज्यों में चुनाव के बाद पेट्रोल-डीजल के दाम 10 से 15 रुपये प्रति लीटर तक बढ़ सकते हैं. चुनाव के कारण ही कच्चे तेल के दाम बढ़ने के बावजूद बीते 70 दिनों से घरेलू बाजार में ईंधन के दाम स्थिर हैं.
10 से 15 रुपये बढ़ सकती है पेट्रोल-डीजल की कीमत
कॉमोडिटी एनालिस्ट का कहना है कि कि कच्चे तेल की कीमतों में बीते दो महीने से लगातार तेजी है. नवंबर में 70 डॉलर प्रति बैरल से बढ़कर कच्चा तेल जनवरी 2022 में 85 डॉलर प्रति बैरल के करीब पहुंच गया है. वहीं घरेलू बाजार में बीते 70 दिनों से देश में पेट्रोल और डीजल की कीमतों में कोई बदलाव नहीं हुआ है. लेकिन मार्च में पांच राज्यों के चुनाव के बाद बड़ी बढ़ोतरी होने की पूरी संभावना है. मेरा अनुमान है कि भारत में पेट्रोल-डीजल की कीमत में 10 से 15 रुपये प्रति लीटर की बढ़ोतरी हो सकती है.
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JP Morgan का अनुमान, साल के अंत तक 90 डॉलर होगी कीमत
वहीं स्टैंडर्ड चार्टर्ड के अनुसार, 2022 में कच्चे तेल की कीमत में 8 डॉलर का उछाल आ सकता है और यह 75 डॉलर तक पहुंच सकता है. 2023 में यह कीमत 17 डॉलर के उछाल के साथ 92 डॉलर पर पहुंच सकता है. वहीं JP Morgan का अनुमान है कि साल के अंत तक कच्चे तेल का भाव 90 डॉलर तक पहुंच सकता है. रिपोर्ट के मुताबिक, देशभर में कोरोना के नये वैरिएंट के मामलों में तेजी आ रही है. हालांकि सरकार फिर से संपूर्ण लॉकडाउन के पक्ष में नहीं है. जिसके कारण ब्रेंट क्रूड की मांग में तेजी बनी रहेगी और कच्चे तेल के दाम बढ़ेंगे.
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OPEC+ देश प्रोडक्शन बढ़ाने पर नहीं कर रहें विचार
OPEC+ देश प्रोडक्शन बढ़ाने के बारे में विचार नहीं कर रहे हैं. जिसके कारण कच्चे तेल के दाम 100 डॉलर तक पहुंच सकता है. OPEC+ देश कच्चे तेल की सप्लाई धीरे-धीरे बढ़ा रहे हैं. वहीं तेल उत्पादक देशों में यह भी खौफ है कि कोरोना के नये वेरिएंट के कारण फिर से लॉकडाउन जैसी हालत ना हो जाये. जिससे क्रूड ऑयल की मांग में अचानक गिरावट आ जाये.