Ranchi : कोरोना की सबसे अधिक मार मजदूरों, किसानों, व्यवसायियों को झेलनी पड़ रही है. इसमें रेस्तरां, होटल और बैंक्वेट जगत की बात करें, तो नुकसान और भी दुर्गामी लगते हैं. पिछले साल लॉकडाउन लगा. इस साल रेस्तरां, होटल और बैंक्वेट की स्थिति सुधर ही रही थी कि फिर से कारोबार पर ग्रहण लग गया. चेंबर व्यवसायियों की मानें तो एक महीने में राज्य में रेस्तरां, होटल और बैंक्वेट हॉल लगभग 70 से 80 हजार का कारोबार करते हैं. अगर इसमें कैटरिंग, फूल वालों, इंवेट मैनेर्जस, बैंड वालों को जोड़ दिया जाये तो कारोबार का आंकलन एक महीने का लगभग 150 करोड़ होता है. शादी के सीजन में राज्य भर में एक महीने में लगभग 200 से 250 करोड़ का कारोबार ये सेक्टर करता है. ऐसे में इस साल अप्रैल से रेस्तरां, होटल और बैंक्वेट हॉल बंद रहे. इसी दौरान लगन का सीजन भी रहा. कारोबारियों की मानें तो लगभग 450 करोड़ रूपये का कारोबार इस बार प्रभावित हुआ.
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लगभग चार लाख लोग रोजगार से जुड़े
अलग-अलग व्यवसायियों से बात करने से जानकारी हुई कि इस क्षेत्र से लगभग चार लाख लोगों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार प्राप्त है. इसमें कुछ लोग रेस्तरां, होटल और बैंक्वेटों हॉलों में सीधे तौर पर काम करते हैं. जिनकी संख्या लगभग तीन लाख के आस पास है. वहीं कैटरिंग, फुल वालों, इंवेट मैनेर्जस, बैंड वालों को जोड़ दिया जाये तो संख्या लगभग चार लाख होती है. ऐसे में सभी के सामने रोजगार का सवाल है. चेंबर कार्यकारिणी सह द मैफेयर धुर्वा के संचालक नवजोत अलंग ने बताया कि रेस्तरां, होटल और बैक्वेंट सिर्फ इतना ही नहीं है. इस सेक्टर से काफी लोगों का रोजगार जुड़ा है. राज्य में लगभग दस हजार रेस्तरां, होटल और बैंक्वेट हॉल है.
बुकिंग नवंबर के लिये टली
नवजोत ने बताया कि बरसात में ऐसे ही कारोबार नहीं रहता. शादी का सीजन भी नहीं रहता कि लोग बुकिंग करायें. ऐसे में ये कारोबार ऐसे ही चार महीने मंदी में चलता है. वहीं स्टेशन रोड स्थित एके रेसिडेंसी के संचालक आर राजपाल ने बताया कि इस बार जो भी बुकिंग हुई, वो कोरोना के कारण नंवबर और अगले साल के लिये टल गयी. लगभग 40 प्रतिशत बुकिंग तो कैंसल ही हो गयी.
ऑनलाइन डिलिवरी नाम मात्र की
राजपाल ने बताया कि सरकार ने होम डिलीवरी का आदेश दिया है. लेकिन सामान्य दिनों के बजाय ये ऑर्डर भी 25 फीसदी ही मिलें. राजपाल ने बताया कि कारोबारियों से बात करने से जानकारी हुई कि बमुश्किल एक दिन में आठ नौ ऑर्डर मिले. जिससे स्टाफ का खर्च निकालना भी मुश्किल रहा. इन्होंने कहा कि पिछले साल अक्टूबर-नवंबर में सरकार ने रेस्तरां होटल खोलने का आदेश दिया. फिर इस साल अप्रैल से कारोबार बंद है. ऐसे में बीच में मात्र पांच महीने मिले. जिसमें कारोबार में तेजी आ रही थी. लेकिन फिर से सब बंद हो गया.
सरकार से की मांग
बातचीत के दौरान कारोबारियों से सरकार से मांग की कि कम क्षमता के साथ ही लेकिन रेस्तरां, होटल और बैंक्वेटों को खोलने की अनुमति मिले. समय और बीतने पर इन कारोबारियों के सामने मैनेजमेंट का भी सवाल है. पिछले साल तो लोगों के पास जमा पूंजी थी. अब वो भी नहीं है. लोगों के सामने रोजी रोटी का भी सवाल है. सभी व्यवसायियों को शर्तों के साथ छूट दी गयी है. इस सेक्टर को भी सीमित क्षमता के साथ खोलने की अनुमति दी जायें.
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