Ranchi : प्रभु ईसा मसीह का जन्म 24 दिसंबर, रात 12 बजे एक गौशाले में हुआ था. ईश्वर होने के बावजूद उन्होंने सादगी अपनाई और लोगों को प्रेम और शांति फैलाने का संदेश दिया. इस वर्ष कोविड महामारी के बीच उनका जन्म पर्व क्रिसमत सादगी के साथ मनाया गया. पुरोहितों ने पहले ही ज्यादा ताम-झाम न करते हुए लोगों से सादगी अपनाने की अपील की थी.
कोरोना के कारण इस वर्ष पर्व पर चर्चों में सन्नाटा पसरा रहा. मिस्सा-आराधना में सीमित लोगों को आने की इजाजत दी गयी थी. कई जगहों पर कूपन सिस्टम अपनाया गया था. गाइडलाइन का पालन करते हुए निर्धारित लोगों के अलावा किसी भी अन्य व्यक्ति को गिरजाघरों के अंदर जाने की अनुमति नहीं दी जा रही थी.
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संत मरियागिरजाघर में चरनी सजी, मिस्सा में केवल 200 लोग हुए शामिल
आर्च डायसिस के पुरुलिया रोड स्थित संत मारिया गिरजाघर में देर रात और शुक्रवार को सीमित लोगों के साथ प्रभु ईसा मसीह का जन्म पर्व मनाया गया. कोविड-19 महामारी के कारण इस वर्ष केवल 200 लोगों के बीच ऑनलाइन मिस्सा कर इसे मनाया गया. मिस्सा के मुख्य अनुष्ठाता आर्चबिशप फेलिक्स टोप्पो थे. पहली बार ऐसा हुआ जब इस विशेष दिन पर कोई साथ-सजावट नहीं की गयी. केवल चरणी सजाई गयी, जहां आर्चबिशप ने ईसा की बालक प्रतिमा को चूमते हुए उनका स्वागत किया.
गरीब-जरुरतमंदों की मदद पर दिया जोर
रांची आर्चडायसिस के आर्चबिशप फेलिक्स टोप्पो ने ईसा मसीह के जन्म पर्व की मिस्सा के दौरान कहा कि क्रिसमस पर्व लौकिक और अलौकिक कारणों से हमारे मन और दिल में आनन्द और उल्लास भर देता है. यह हमें याद दिलाता है कि आज से करीब दो हज़ार वर्ष पहले कुंवारी मरियम की कोख़ से ईश्वर का पुत्रा ईसा मसीह ने जन्म लिया था. उनके जन्म की सालगिरह मनाते हुए हम ईश्वर को सहृदय धन्यवाद देते हैं.
संत मारिया गिरजाघर में संदेश देते हुए रांची आर्चडायसिस के सहायक बिशप थियोदोर मस्करेंनहास ने कहा कि क्रिसमस का दिन खुशी का दिन है. प्रेम, शांति और दूसरों की सेवा में हमे आगे बढ़ना है. हम अपने परिवार के साथ ही गरीब और जरुरतमंदों को भी अपने परिवार का हिस्सा मानना चाहिए और उनके लिए भी कुछ करना चाहिए. मिस्सा के अंत में उन्होंने पूरी दुनिया के लिए महामारी के बिना नये साल की शुरुआत के लिए प्रार्थना की.
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मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पहुंचे आर्चबिशप हाउस
क्रिसमस से पूर्व 24 दिसंबर को ठीक रात 12 बजे प्रभु ईसा मसीह का जन्म हुआ था. इसी दिन की बधाई देने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन आर्चबिशप हाउस देर रात पंहुचे. अवसर पर उन्होंने आर्चबिशप फेलिक्स टोप्पो, सहायक बिशप थिओडोर मसकरेनहास सहित पूरे ईसाई समुदाय को बधाई दी.
2000 से भी अधिक रिक्शा चालकों को भोजन और कंबल बांटे
रांची आर्चडायसिस ने शहर के लगभग 2000 से भी अधिक रिक्शा चालकों के साथ भोजन किया. बिशप मस्करेंनहास ने कहा कि इस बार यह त्यौहार अलग नहीं है बल्कि यही सही त्यौहार है. जहां हम त्यौहार की खुशी केवल अपनों के साथ सीमित नहीं रख रहे, बल्कि जरुरतमंदों के साथ इसे बांट रहे है. उन्होंने रिक्शा चालकों को भोजन कराने के साथ कंबल, गम्छा, मफलर और मास्क भी बांटे. इस अवसर पर विधायक बंधु तिर्की, विधायक राजेश कच्छप बतौर अतिथि उपस्थित थे. कार्यक्रम को सफल बनाने में आर्चबिशप फेलिक्स टोप्पो, बिशप थियोदोर मस्करेंनहास, आर्चबिशप हाउस के सभी पादरी, मदर टेरेसा सिस्टर्स और महाधर्मप्रांतीय सुवा संघ का योगदान महत्वपूर्ण रहा.
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जीईएल और सीएनआई छोटानागपुर डायसिस में आराधना की गयी
जीईएल के काइस्ट चर्च में विश्वासियों के साथ आराधना की गयी. आराधना का संचालन रेव्ह ममता बिलुंग और संदेश रेव्ह बेंजामिन टोपनो ने दिया. उधर सीएनआई के छोटानागपुर डायसिस के संत पॉल कैथेड्रल में पुरोहितों ने क्रिसमस का विशेष आराधना की. आराधना का संचालन रेव्ह सैमुएल भुईया और संदेश रेव्ह संजय तिग्गा ने किया.