Lagatar Desk: पंजाब के अमृतसर में मौजूद गोल्डन टेम्पल देश-विदेश के लाखों श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र है. लोग हर साल बड़ी संख्या में यहां पहुंचते हैं. अब फाजिल्का की पुलिस लाइन में नवनिर्मित गुरुद्वारा साहिब भी अपने अनोखे रूप की वजह से चर्चा में है. यह गुरुद्वारा पूरी तरह लकड़ी से निर्मित है. लकड़ी से बना गुरुद्वारा लोगों की आस्था का केंद्र बना हुआ है. बड़ी संख्या में लोग यहां पहुंच रहे हैं. इस गुरुद्वारा की खासियत है कि ये देश में लकड़ी से बना पहला गुरुद्वारा है.

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एक महीने पहले हुआ गुरुग्रंथ साहिब का प्रकाश
इस गुरुद्वारे में एक महीने पहले यानी फरवरी में ही गुरुग्रंथ साहिब का प्रकाश हुआ है. उसी वक्त से अब तक यहां बड़ी संख्या में श्रद्धालु मत्था टेक चुके हैं. इस गुरुद्वारे को बनाने में एसएसपी भूपिंदर सिंह का बड़ा योगदान है. दरअसल उन्हें जब इस बात की जानकारी दी गई है कि फाजिल्का इलाके में कोई गुरुद्वारा नहीं है तो उन्होंने इस काम को पूरा करने का बीड़ा उठाया. भूपिंद सिंह चाहते थे कि यहां एक ऐसा गुरुद्वारा बने जो लोगों की आस्था के साथ-साथ आकर्षण का भी केंद्र हो. लिहाजा उन्होंने इसे पूरी तरह लकड़ी से बनाने का मन बनाया.
उन्होंने इस गुरुद्वारे को बनाने के लिए अपने दोस्तों, स्थानीय लोगों, कर्मचारियों और कुछ अन्य लोगों से भी सहयोग राशि जमा की. इसका निर्माण लुधियाना की कंपनी वुड मास्टर प्राइवेट लिमिटेड के कारीगरों ने किया. इसके बनने में चार माह का समय लगा. इसे हर तरह से सुरक्षित बनाया गया है.
कंपनी का कहना है कि 50 वर्ष तक इसके स्वरूप को कोई नुकसान नहीं होगा. भूपिंदर सिंह का कहना है कि भले ही उनकी पोस्टिंग अब अन्य जिले में हो गई है लेकिन इस गुरुद्वारा साहिब के जरिये उनकी याद हमेशा फाजिल्का के साथ जुड़ी रहेगी.
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